मदरसों पर सियासत ( Madrasa Politics ) मध्य प्रदेश में अब एक बार फिर मदरसों को लेकर सियासत तेज हो गई है. शिवराज कैबिनेट की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का एक मामले में बड़ा बयान आया है. इस पर कांग्रेस भड़क गई है और टारगेट करने का आरोप लगाया है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश मदरसों को लेकर सियासत चल रही है. गैर मान्यता प्राप्त और कागजों पर चलने वाले फर्जी मदरसों को सरकार ने बंद कराने का मन बना लिया है. इसमें दोषी पाए जाने वाले लोगों पर सरकार कठोर से कठोर कार्रवाई करने के मूड में है. संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के बयान के बाद कई मदरसों पर तलवार अटक गई है. उन्होंने कहा कि जो मदरसे धरातल में नहीं है. उन्हें बंद किया जाएगा. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस भड़क गई है.
फर्जी मदरसों को किया जाएगा बंद
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली है कि प्रदेश में कागजों पर मदरसे चल रहे हैं. कुछ मदरसे ऐसे भी हैं, जिनमें एक कमरे में टेबल और बोर्ड लगाकर संचालन किया जा रहा है. हाल में ही बाल आयोग ने सार्वजनिक रूप से जानकारी साझा करते हुए भी इस संबंध में बताया है. इस तरह के फर्जी और कागजों में चलने वाले मदरसों पर कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस ने लगाया टारगेट करने का आरोप
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मदरसे अवैध नहीं हैं. जानबूझकर मदरसों को टारगेट किया जा रहा है. जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट गलत है. वो जानबूझ मदरसों को टारगेट कर रहे हैं. मसूद ने बीजेपी सरकार पर कांग्रेस विधायक में मदरसों की ग्रांट रोकने का भी आरोप लगाया.
क्या कहती है बाल आयोग की रिपोर्ट?
बता दें हाल में ही बाल आयोग द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद कई मदरसे अवैध पाए गए हैं. आरोप है कि शिक्षा और खेल कूद से संबंधी गतिविधियां संचालित करने के लिए मदरसों को फंड दिया जाता है. इसका फायदा हितग्राहियां तक नहीं पहुंच पाता है. मदरसों में मध्यान भोजन के साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए मदरसों को सरकार से भारी भरकम पैसा भी मिलता है, लेकिन यह राशि भी कागजों पर चलने वाले अधिकांश मदरसों के घपले घोटालों में भेंट चढ़ जाती है.