नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर दिए गए बयान पर तंज कसा है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसी युवा को ही नेतृत्व करना चाहिए. बता दें कि एक बार फिर कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं चल रही हैं.
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भोपाल। कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर एक बार गहमागहमी तेज है. कांग्रेस के कई वरिष्ट नेताओं के नाम इस बार अध्यक्ष पद के लिए चल रहे हैं, जिनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का नाम भी शामिल हैं. हालांकि कमलनाथ ने अपनी दावेदारी को खारिज कर दिया, जिस पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है.
दरअसल, आज जब कमलनाथ से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह मध्य प्रदेश छोड़कर कही नहीं जा रहे हैं, वह मध्य प्रदेश में ही काम करेंगे. उनके इस बयान से यह बात स्पष्ट होती नजर आ रही हैं. कमलनाथ फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे. फिलहाल उनका पूरा फोकस 2023 में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है.
आशीर्वाद की मुद्रा में रहना चाहिएः नरोत्तम मिश्रा
हालांकि आज जब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से कमलनाथ के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''कमलनाथ और अशोक गहलोत को आशीर्वाद की मुद्रा में रहना चाहिए, जबकि किसी युवा नेता को ही कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए.''
बता दें कि कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है. जिनमें अशोक गहलोत और कमलनाथ का नाम भी चर्चा में हैं. गहलोत फिलहाल राजस्थान के मुख्यमंत्री है, जबकि कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है. इन दोनों ही राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है, लेकिन कांग्रेस में एक के बाद एक नेताओं के इस्तीफे आ रहे हैं, कल कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने इस्तीफा दिया. आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद ने भी इस्तीफा दिया. ऐसे में राहुल गांधी को को भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो अभियान चलाना चाहिए. भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी तरह से एक है.''
वहीं मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ''आपदा के समय जनता के बीच ना जाकर कमलनाथ केवल ट्विटर के जरिए जनता के आंसू पोंछना चाह रहे हैं. जबकि मुख्यमंत्री खुद पानी में उतरकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं. ऐसे में कमलनाथ को सरकार पर निशाना साधना बंद करना चाहिए. बल्कि जनता के बीच पहुंचना चाहिए.