Mahalakshmi Mandir MP: हिन्दू धर्म में प्राचीन मंदिरों की अद्भुत कहानियों के साथ-साथ कई रहस्मयी मान्यताएं भी प्रचिलित होती हैं. वैसे तो मंदिरों में प्रसाद के रूप में लड्डू और पेड़े दिए जाते हैं लेकिन रतलाम के इस मंदिर में लड्डू, पेड़े और फल की जगह कैश, गोल्ड, हीरे की ज्वेलरी को प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटे जाते हैं. आखिर क्या है इस मंदिर में प्रसाद का रहस्य और कहां स्थित है यह अदभुद प्रसाद वाला मंदिर..पढ़े इस खबर में
एमपी का रतलाम जिला अपने नमकीन सेंव और साड़ियों के लिए दुनियां भर में मशहुर है. यहां की साड़ियों की खरीदारी करने के लिए कई राज्यों से लोग यहां आते है. इतना ही नहीं बल्कि सोने की शुद्धता को लेकर भी रतलाम देश -विदेश में प्रसिद्ध है.
इन्ही सब के बीच रतलाम में एक ऐसा मंदिर स्थित है जिसकी कहानी बड़ी अनोखी है. यहां प्रसाद के रूप में लड्डू, पेड़े नहीं बल्कि करोड़ों के कैश, गोल्ड और हीरे की ज्वेलरी भक्तों में वितरण की जाती है.
रतलाम स्थित महालक्ष्मी मंदिर यहां का सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. कहा जाता है कि महालक्ष्मी के आशीर्वाद से इस क्षेत्र के व्यापार व्यवसाय को इतनी तरक्की मिली है कि ये आज देश- विदेश में भी अपनी नाम बनाए रखें हैं.
ये प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर इस नगर के सबसे प्राचीन और मुख्य बाजार, माणकचौक के मध्य में स्थित है जहां देश के कोने कोने से श्रद्धालु और व्यापारी इस मंदिर में मनोकामना मांगते दिखाई देते हैं.
रतलाम का ये प्रतिष्ठित मंदिर अपने प्रसाद के लिए देश - विदेश तक जाना जाता है. यहां प्रसाद के रूप में भक्तों में करोड़ों के कैश, हीरे, सोने की ज्वेलरी और सोने के बिस्किट जैसी कई महंगी चीजें वितरण की जाती हैं. इसलिए इस मंदिर को कुबेर के खजाना भी कहा जाता है. त्योहारों पर इस मंदिर में प्रवेश करना भी मुश्किल हो जाता है.
दरअसल, इस मंदिर में एक बेहद ही पुरानी परंपरा या मान्यता को आज भी निभाया जाता है. इस मंदिर में धनतेरस से दीपावली तक शहर के व्यपारी कुछ कैश और सोने के जेवरात को महालक्ष्मी मंदिर में रखते हैं और फिर दीपावली पूजा के बाद इस धन,नकदी, और ज्वेलरी को खर्च न करते हुए महालक्ष्मी की प्रसाद के रूप में ग्रहण कर अपने घर के लौकर में रखते हैं. ऐसा करने से व्यपारियों को महालक्ष्मी के आशीर्वाद के साथ-साथ अगले साल धंधे में और वृद्धि होती है.
इस मंदिर में महालक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमा है जिनका रोज सुंदर श्रंगार किया जाता है. बताया जाता है कि मां का श्रंगार भक्तों द्वारा चढ़ाए ज्वेलरी से ही किया जाता है. महालक्ष्मी के साथ-साथ यहां मा सरस्वती, मां अष्टलक्ष्मी और गणेश जी के भी दर्शन होते हैं.
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