MP News: महाशिवरात्रि 2025 त्योहार से पहले भक्तों के लिए खुशखबरी है.दरअसल, मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए QR कोड और मैपिंग की नई सुविधा लाई जा रही है. महाशिवरात्री के देखते हुए मंदिर में अस्थाई मैपिंग की व्यवस्था पर तेजी से काम चल रहा है.
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Ujjain News: 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि को त्योहार मनाया जाएगा और इस दिन देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ देखी जाती है. इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए नई सुविधा लाई जा रही है. हर साल महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है जिसमें भक्तों की सुरक्षा और सुविधा एक अहम मुद्दा होता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मंदिर में नई सुविधा को लाया जा रहा है. बताया जा रहा कि यहां एक ऐसा सिस्टम लगाया जाएगा जिससे दर्शन करने आए श्रद्धालु बिना किसी मंदिर के कर्मचारी या सुरक्षा गार्ड की मदद लिए खुद से मंदिर की सारी व्यवस्था से लेकर जरूरी जानकारी जान सकेंगे.
QR कोड की नई सुविधा
बताया जा रहा कि, उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर देश का पहला ऐसा ज्योतिर्लिंग होगा जो श्रद्धालुओं के लिए ऐसी नई सुविधा लेकर आ रहा है. दरअसल इस सुविधा से श्रद्धालु बिना मंदिर के कर्मचारी से मदद लिए खुद ही QR कोड का उपयोग करके जान पाएंगे की वो कहां खड़े हैं, दर्शन के लिए कहां जाना है, और बाकी ऐसी ही कई अन्य जरूरी जानकारी जैसे जूता स्टैंड, क्लॉक रूम, वॉशरूम, लड्डू प्रसाद और एग्जिट के बारे में. मंदिर सहायक प्रशासक, मूलचंद जूनवाल ने बताया कि, QR कोड की मदद से श्रद्धालु अब अपनी मंदिर की यात्रा को और भी सरल और आसान बना सकेंगे.
मैपिंग की व्यवस्था
मंदिर में QR कोड के साथ- साथ मैपिंग की व्यवस्था भी शुरू होने जा रही है. बताया जा रहा है कि, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर देश का पहला ऐसा मंदिर बनने जा रहा है, जहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मैपिंग की व्यवस्था की जा रही है. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं में भाषा की समस्या अधिक देखी जाती है. हिंदी और इंग्लिश तक तो ठीक है लेकिन साउथ और महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं में लैंग्वेज प्रॉब्लम ज्यादा देखने को मिलता है. इन्ही प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए मैपिंग की सुविधा को लाया जा रहा है.
स्थाई और अस्थाई मैपिंग
बताया जा रहा कि श्रद्धालुओं के लिए शुरू की जा रही मैपिंग की सुविधा दो तरह की होगी, एक स्थाई और एक अस्थाई मैपिंग. अस्थाई मैपिंग को विशेष तौर पर नए साल, रक्षाबंधन, श्रावण भादो मास, महाशिवरात्रि ,दीपावली जैसे त्योहारों पर लागू किया जाएगा. 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि के लिए अस्थाई मैपिंग का काम इन दिनों मंदिर में तेजी से चल रहा है जिससे महाशिवरात्रि पर आने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी से पूछताछ किए यह पता चल जाए कि मंदिर में प्रवेश मार्ग, पार्किंग, क्लॉक रूम, मोबाइल लॉकर और एग्जिट कहां है. मंदिर के प्रशासक प्रथम का कहना है कि, अस्थाई मैपिंग के बाद भक्तों से इसका फीडबैक लिया जाएगा और फिर इस व्यवस्था में क्या-क्या सुधार किया जा सकता है, उसके आधार पर स्थाई मैपिंग करवाई जाएगी