MP Election: BJP ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने
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MP Election: BJP ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने

Madhya Pradesh Assembly Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनावी मैदान में उतारकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने के बीच राज्य में सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश को रेखांकित किया है.

MP Election: BJP ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने

Madhya Pradesh BJP Candidate List: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) के लिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है. बीजेपी ने बड़ा प्रयोग करते हुए 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट दिया है. केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनावी मैदान में उतारकर बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने के बीच राज्य में सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश को रेखांकित किया है. इनमें से अधिकांश नेता अपनी लोकसभा सीट पर कई बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं. चुनावी समर में केंद्रीय मंत्रियों को उतारने के कई माने हैं.

बीजेपी ने इन केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को दिया टिकट

1. दिमनी से नरेंद्र सिंह तोमर (केंद्रीय मंत्री, सांसद- मुरैना)
2. नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल (केंद्रीय मंत्री, सांसद- दमोह)
3. निवास सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते (केंद्रीय मंत्री, सांसद- मंडला)
4. सतना से गणेश सिंह (सांसद -सतना)
5. सीधी से रीती पाठक (सांसद- सीधी)
6. जबलपुर पश्चिम से राकेश सिंह (सांसद- जबलपुर)
7. गाडरवारा से उदय प्रताप सिंह (सांसद- होशंगाबाद)

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39 में से सिर्फ 3 सीटों पर बीजेपी के सिटिंग एमएलए

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जिन 39 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, उनमें से सिर्फ 3 जगहों पर भाजपा के सिटिंग एमएलए है. पिछले चुनाव में सीधी, नरसिंहपुर और मैहर से बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि 36 सीटों पर कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं. लेकिन, बीजेपी ने मौजूदा तीनों विधायकों को टिकट नहीं दिया है. नारायण त्रिपाठी को पार्टी के खिलाफ बयानबाजी का खामियाजा उठाना पड़ा और उनका टिकट कट गया है. वहीं, सीधी आदिवासी पेशाब कांड में केदार शुक्ला का टिकट कट गया.नरसिंहपुर से जालम पटेल की जगह उनके बड़े भाई प्रह्लाद पटेल को टिकट दिया गया है.

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केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को टिकट देने क्या है मायने

बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत पार्टी के 7 सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची में जगह दी है. इन नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की सबसे बड़ी वजह इनकी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत जमीनी पकड़ है. इनमें से अधिकांश नेता अपनी लोकसभा सीट पर कई बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं, जिसका फायदा आसपास की विधानसभा सीटों पर पड़ सकता है और पार्टी के खाते में सीटों की संख्या बढ़ सकती है.

बीजेपी ने बंगाल चुनाव में भी चला था ये दांव

हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है. इससे पहले बीजेपी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में भी यह प्रयोग किया था. तब पार्टी ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, सांसद निशित प्रामाणिक, सांसद लॉकेट चटर्जी, सांसद जगन्नाथ सरकार और राज्यसभा सांसद स्वप्न दास को चुनावी मैदान में उतारा था. इसके अलावा त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को चुनाव लड़वाया था.

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एमपी चुनाव के लिए बीजेपी ने अब तक घोषित किए 78 नाम

दूसरी सूची के साथ, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीट में से 78 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने पिछले महीने 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी और अब भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है. बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित हैं.

2018 के चुनाव में बीजेपी को मिली थीं 109 सीटें

मध्य प्रदेश में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 230 में से कांग्रेस (Congress) ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 109 सीट मिली थी. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार का गठन किया और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए, जिसके बाद कांग्रेस सरकार गिर गई. इसके बाद मार्च 2020 में ही शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और नए कार्यकाल के साथ बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी की.

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