Doctors Prescription News: भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी लोग डॉक्टरों की लिखावट से परेशान हैं. एशिया से लेकर अफ्रीका तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां अदालतों ने अपने फैसले में डॉक्टरों को पढ़ने लायक लिखावट में पर्चा लिखने का आदेश दिया है.
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Osdiha High Court: मेडिको लीगल केस (MLC) में डॉक्टर की लिखावट में कई राज्यों के हाईकोर्ट के उलझने के बाद अब ओडिशा हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को साफ-साफ लिखने के निर्देश देकर कार्रवाई के लिए चेताया है. आपको बताते चलें कि एमएलसी से भी बड़ा मुद्दा डॉक्टरों के पर्चे यानी प्रिस्क्रिप्शन में लिखावट का है. आप लिखें खुदा बांचे की तर्ज पर लिखें इन प्रिस्क्रिप्शन से कई बाद मरीजों की जान पर बन आती है. ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से एक सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है जिसमें डॉक्टरों से सभी नुस्खे और मेडिको-लीगल रिपोर्ट (Medico legal report) की लिखावट में अगर संभव हो तो बड़े अक्षरों में या टाइप किए गए रूप में लिखने के लिए कहा जाए.
लिखावट पढ़ने में हुई दिक्कत तो नाराज हुए जस्टिस
ओडिशा हाईकोर्ट का ये निर्देश तब आया जब जस्टिस एस के पाणिग्रही को एक मामले का फैसला करना मुश्किल हो गया, क्योंकि याचिका में संलग्न पोस्टमार्टम रिपोर्ट ठीक से पढ़ी नहीं जा रही थी और समझ में नहीं आ रही थी. हाई कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक सरकार के इस फैसले के पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद भविष्य में किसी भी अदालत को ऐसे दस्तावेजों को पढ़ने में बेवजह की परेशानी और ‘अनावश्यक थकावट’ का सामना नहीं करना होगा.
याचिकाकर्ता ने लगाई थी गुहार
एक याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई थी कि सरकार को अनुग्रह राशि के लिए उसके ज्ञापन पर विचार करने का निर्देश दिया जाए क्योंकि उसके बड़े बेटे की सर्पदंश से मौत हो गई थी. भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी लोग डॉक्टरों की लिखावट से परेशान हैं. एशिया से लेकर अफ्रीका तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां अदालतों ने अपने फैसले में डॉक्टरों को पढ़ने लायक लिखावट में पर्चा लिखने का आदेश दिया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)