PM Modi Parliament Speech today: संसद में बजट सत्र के चौथे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया.
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PM Modi Speech in Lok Sabha Today: पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया. संसद में बजट सत्र के चौथे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने भाषण के शुरुआत से ही मोदी ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जमकर धोया. मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा.
'5 दशक तक गरीबी हटाओ के नारे सुने, हमने झूठे नारे नहीं दिए', मोदी का कांग्रेस पर वार
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एक खास 'राज'परिवार का हवाला देते हुए कहा, 'हमारे कामों का विरोध करने वाले लोगों की पार्टी की सरकार के दौर में दशकों पहले कहा जाता था, 'गरीबी हटाओ-गरीबी हटाओ, लेकिन गरीबी दूर नहीं हुई, लेकिन 2014 से लेकर 2024 तक हमारी सरकार ने 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी के दायरे से बाहर निकाला है.'
गरीब की झोपड़ी में फोटो खिंचाने वाले नहीं समझेंगे: PM MODI
पीएम मोदी ने कहा, 'हमने ट्रस्टीशिप के भाव से सरकार चलाई. जनता के टैक्स के एक-एक पैसे का जिम्मेदारी से इस्तेमाल किया, लाखों-करोड़ रुपये बचाकर हमने जनता की भलाई के काम किए. एक-एक पैसे का भ्रष्टाचार रोका. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के जरिए करोड़ों फर्जी लाभार्थियों की चोरी पकड़ी और वो पैसा ईमानदारी से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया.'
जब हंस पड़े एनडीए के सांसद
पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनके साल भर से कारपेंटर से लेकर प्लंबर, रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों, से लेकर देश के मजदूरों के बीच जाकर उनसे बात करने के बाद अपना एक्सपीरिएंस सोशल मीडिया पर शेयर करने पर भी तंज कसा. उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनके ड्राइवरों, कपड़े धुलाई का काम करने वालों और हजामत करने वालों से मिलकर उनका दुखड़ा सोशल मीडिया पर बताकर मोदी सरकार को घेरने वाली कवायद को फोटो ऑप यानी फोटो अपार्चुनटी (Photo opportunity) बताते हुए कहा कि झोपड़ी पर जाकर फोटो खिंचाने वाले लोग हमारी सरकार के काम करने के तरीकों को कभी न समझ पाएंगे. इसके बाद एनडीए के सांसद हंस पड़े.
एक रुपये के 15 पैसे वाला उदाहरण
पीएम मोदी ने अपनी सररकार के काम काज का हिसाब देते हुए कहा, 'जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी. मोदी ने आगे हल्की मुस्कुराहट के साथ कहा कि मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं.जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है, तो लोग कुछ भी बोलते हैं, इसके साथ ही जब ज्यादा हताशा और निराशा होती है, तो भी लोग भी कुछ भी अनाब-शनाब बोलते रहते हैं'.
गजब हाथ की सफाई थी
उन्होंने ये भी कहा, 'हमारा विरोध वो लोग कर रहे हैं जब उनकी सरकार पार्लियामेंट से लेकर पंचायत तक होती थी. दिल्ली से जाता था एक रुपया और गरीबों तक नीचे पहुंचता था 15 पैसा... लेकन हमारी केंद्र सरकार में जो पैसा जितना बजट, जिसके लिए तय होता है, उसके पास ही पहुंचता है.'
पीएम मोदी जब बोल रहे थे तो राहुल गांधी भी चुपचाप बैठे सुन रहे थे. कांग्रेस नेताओं की नीतियों पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने एक बात दोहराते हुए कहा, 'हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे. उन्हें मिस्टर क्लीन कहने का फैशन हो गया था. उन्होंने एक समस्या को पहचाना और कहा था कि दिल्ली से 1 रुपया निकलता है तो गांव में 15 पैसा पहुंचता है. अब उस समय तो पंचायत से लेकर संसद तक एक ही पार्टी का राज था और उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से 15 पैसे वाली बात कही थी. बहुत गजब की हाथ सफाई थी.'
कुछ दल युवाओं के साथ धोखा कर रहे हैं: पीएम मोदी
विपक्ष पर तंज कसते हुए मोदी आज फुल मूड में थे. वो इतने पर ही नहीं रुके. अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, 'मैंने/हमारी सरकार ने जो पैसा बचाया उससे हमने शीशमहल नहीं बनवाया. कुछ दल हैं जो वो ये फ्री में देंगे... वो फ्री में देंगे... ऐसे झूठे वादे करके जनता को धोखा देते हैं. वो दल युवाओं के साथ धोखा कर रहे हैं. ऐसी 'आप'दा वाली पार्टियों का दौर खत्म हो गया है. उनका वक्त पूरा हो चुका है. झूठ-फरेब खत्म हो चुका है. हमने बिना खर्ची बिना पर्ची को देखा. हरियाणा में लगातार 3 बार और महाराष्ट्र में इतनी बड़ी मेजारिटी से सरकार बनाकर सुशासन का राज स्थापित किया.'
ठेले पर हवाई जहाज! कार्टून का उदाहरण देकर कसा तंज
पीएम मोदी ने कहा, 'अध्यक्ष जी जब आप युवा मोर्चे में थे. एक पीएम उस समय बोला करते थे 21वीं सदी, 21वीं सदी.. आप भी रट गए थे. उस समय टाइम्स ऑफ इंडिया में आर के लक्ष्मण ने एक बड़ा शानदार कार्टून बनाया. वो कार्टून बड़ा मजेदार था, उस कार्टून में एक हवाई जहाज है, एक पायलट है और हवाई जहाज एक ठेले पर रखा हुआ था और मजदूर ठेले को धक्का मार रहे थे और वो 21वीं सदी लिखा हुआ था. लेकिन वो कार्टून जो उस समय मजाक लग रहा था लेकिन आगे चलकर वो सही साबित हो गया. ये कटाक्ष था कि उस दौर के प्रधानमंत्री कितना हवाहवाई बातें करते थे, ये कार्टून उसका उदाहरण था. तब जिन्होंने 21वीं सदी की बातें की थी वो 20वीं सदी की जरूरतों तक को अपने कार्यकाल में पूरा नहीं कर पाए. लेकिन हम जो वादा करते हैं पूरा करते हैं.'