पिछले 69 दिनों से CHA धरना जारी, आर्थिक तंगी से परेशान होकर हेल्थ सहायक ने दी जान
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पिछले 69 दिनों से CHA धरना जारी, आर्थिक तंगी से परेशान होकर हेल्थ सहायक ने दी जान

कोरोना काल में सरकार द्वारा कोविड स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती के बाद अब उन्हें हटा दिया गया. प्रदेश के करीब 25 हजार सीएचए पिछ्ले 69 दिनों से स्टेच्यू सर्किल पर बैठे हैं.

हेल्थ सहायक ने दी जान

Alwar: कोरोना काल में सरकार द्वारा कोविड स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती के बाद अब उन्हें हटा दिया गया. प्रदेश के करीब 25 हजार सीएचए पिछ्ले 69 दिनों से स्टेच्यू सर्किल पर बैठे हैं.

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धरने पर बैठे लोगों की मांग है, उन्हें सविंदकर्मी के तौर पर शामिल करते हुए उनकी सेवा बहाल की जाए. वहीं आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक अलवर के हरसाना गांव निवासी कोविड सहायक ने आत्महत्या कर ली. अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के हरसाना के रहने वाले कोविड हेल्थ सहायक खेमचन्द मीणा ने आर्थिक तंगी के चलते डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली. खेमचंद पिछले करीब दो माह से जयपुर में कोविड सहायकों के चल रहे धरने में भी शामिल था. इसके बाद कोविड सहायकों का सरकार के खिलाफ आक्रोश सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है, अब तो जागो गहलोत सरकार.

गहलोत सरकार द्वारा जून 2021 में कोरोना के चलते प्रदेश में कोविड हेल्थ एसिस्टेंस (CHA )की भर्ती की थी, इसमें प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मियों को भर्ती किया गया था. जिन्हें हर माह 7 हजार नौ सौ रुपये तनख्वाह मिलती थी, लेकिन कोविड खत्म होने के बाद सरकार ने इन्हें हटा दिया और अभी तक इन्हें पूरी तनख्वाह भी नही मिल पाई. प्रदेश भर के कोविड सहायकों पर सरकार के इस निर्णय के बाद आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. प्रदेश भर के हजारों की संख्या में सीएचए जयपुर में धरने पर बैठे हैं. इनकी मांग है सभी कोविड स्वास्थ्य सहायकों को सविंदकर्मी में शामिल करते हुए उनकी सेवा बहाल की जाए, इन मांगों को लेकर पिछले 69 दिनों से जयपुर में धरने पर बैठे हैं.

अलवर जिले के 1693 सीएचए सहित प्रदेश में करीब 25 हजार प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मी है, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान पर खेल कर मरीजो की सेवा की. अब सरकार द्वारा इन्हें हटाये जाने के बाद सभी आर्थिक तंगी के चलते डिप्रेशन में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं. अलवर सीएचए एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अभिषेक ने गहलोत सरकार मांगे माने जाने की अपील की है. साथ ही कोविड स्वास्थ्य सहायकों से भी अपील की सभी धैर्य से काम ले कोई भी ऐसा कदम ना उठाये.

अलवर के लक्ष्मणगढ़ के हरसाना गांव निवासी खेमचन्द मीणा ने भी बतौर कोविड स्वास्थ्य सहायक के रूप में सेवा दी और सरकार द्वारा इन्हें हटाये जाने के बाद खेमचंद भी जयपुर धरने में शामिल रहे, लेकिन शनिवार को खेमचंद ने अपने हरसाना स्थित अपने आवास पर जहरीला प्रदार्थ खाकर जीवन लीला समाप्त कर ली , खेमचंद मीणा की अभी कुछ समय पहले ही शादी हुई थी उसके एक छोटा बेटा भी है. वहीं खेमचंद मीणा द्वारा आत्महत्या किये जाने के बाद कोविड सहायक लगातार गहलोत सरकार के खिलाफ ट्रोल कर रहे हैं अब तो जागो गहलोत सरकार..

Reporter- Jugal Kishor

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