Alwar: अलवर के राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में गंभीर बीमारी के बच्चों के इलाज के लिए तैयार पीआईसीयू व हाई डिपेंडेंसी यूनिट पिछले एक साल से बंद है.बंद रहने से इसका खामियाजा छोटे छोटे बच्चों को उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है. इस वजह से रोजाना अनेको गम्भीर बच्चे इलाज के लिए जयपुर रेफर किए जाते है.
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Alwar: अलवर में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है, हालांकि अभी अस्पताल की व्यवस्थाओं की बात करे तो ऐसी कोई बड़ी समस्या तो सामने नही आ रही लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते यहां एक साल पहले बनाये गए बच्चों के आईसीयू में ताले लटके पड़े हैं. पिछले साल अस्पताल में कोरोना के बाद जरूरत महसूस होने पर 4 बेड का पीआईसीयू और 8 बेड का एचडीयू बनाया गया था.
जिससे की गंभीर बच्चे को सीधे आईसीयू में भर्ती कर और उसके बाद एचडीयू में रखा जा सके, पिछले साल फरवरी में यह बनकर तैयार भी हो गया. इतना ही नही इसके लिए इंक्लूजन पंप ,एचडी इमरजेंसी ट्रॉली सहित काफी संख्या में सामान भी आ चुका है और कोरोना काल के पिछले दौर में यहां ऑक्सीजन लाइन भी डल चुकी है. लेकिन फिर भी यहां गम्भीर बच्चो का इलाज नहीं किया जा रहा.
अस्पताल पीएमओ डॉ. सुनील चौहान का कहना है की अभी नर्सिंग स्टाफ की कमी चल रही है, साथ इसके ऊपर बनाया गया मदर बोर्न केयर के कारण पानी की टंकी भी हटा दी गई है जिससे अभी व्यवस्था शुरू नही हो पा रही साथ ही इसमें हैंडवॉच स्टेशन भी तैयार नहीं किया गया है जिसे अभी शुरू करने में परेशानी आ रही है.
डॉ. सुनील ने बताया पीआईसीयू को नॉम्स के मुताबिक शुरू करने के लिए कमेटी द्वारा निरक्षण कर शुरू किया जाना है. वह होने के बाद ही मरीजों को इसका लाभ मिल पायेगा.
चौहान ने यह भी बताया कि अभी एनएचएम ने यह पीआईसीयू अस्पताल प्रशासन को हैंडोवर नहीं किया है और इस पीआईसीयू में अभी काम बाकी है और काम कराया जा रहा है जल्द ही इसको शुरू करवा दिया जाएगा. जिससे कि गंभीर स्थिति में अस्पताल में आने वाले बच्चों को इस पीआईसीयू में भर्ती किया जाए जिससे उनको लाभ मिल सके.