राजस्थान के बाड़मेर जिले में कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से नेपियर घास को बढ़ावा दिया जा रहा है. हाथीघास के नाम से मशहूर नेपियर घास से न केवल पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ता है, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है.
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Gudamalani, Barmer News: सरहदी बाड़मेर जिले में नेपियर घास किसानों और पशु पालकों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो रही है. नेपियर घास पशुओं के लिए बेहतर चारा है. इसे हाथी घास के नाम से भी जाना जाता है. नेपियर घास ज्यादा पौस्टिक और उत्पादक होती है.
इस घास के सेवन से पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ने के साथ ये हरी घास पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये भी फायदेमंद है. कृषि वैज्ञानिक किसानों को प्रोत्साहित कर उनका पशुधन आधारित जीवन स्तर बढ़ाने के लिए नेपियर घास की खेती करवा रहे हैं.
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बाड़मेर जिले में कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से नेपियर घास को बढ़ावा दिया जा रहा है. हाथीघास के नाम से मशहूर नेपियर घास से न केवल पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ता है, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है. नेपियर घास का पौष्टिकता में ऊंचा स्थान है. इससे पशुधन को साल भर हरा चारा मिलता है. पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता में 50 फीसदी वृद्वि हो जाती है. नेपियर घास का बीज नहीं होता. इसके डंठल को नेपियर स्टिक कहते हैं. स्टिक को खेत में डेढ से दो फीट की दूरी पर रोपा जाता है.
क्या कहना है कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी के वैज्ञानिक का
कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी के वैज्ञानिक डॉ. रावताराम ने बताया कि चारे की कमी को पूरा करने के लिए किसान के पास चारे के रूप में ज्वार, बाजरा, मक्का, रिजका आदि है. इस समय रिजका, ज्वार, बाजरा, मक्का, आदि आमतौर पर किसानों द्वारा उगाई जाती है लेकिन, किसानों को वर्षभर हरा चारा उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है और दूध की उत्पादन क्षमता घट जाती है. साथ ही, चारा उत्पादन लागत भी काफी अधिक आती है. हरे चारे की कमी पूर्ति के लिए किसान नेपियर घास लगा सकते है! इससे वर्षभर हरा चारा मिलता रहता है. इस घास में 8.7 से 10.2 प्रतिशत कड प्रोटीन, 28 से 30.5 प्रतिशत कूड फाइबर और 10 से 11.5 प्रतिशत राख शुष्क बुवाई का तरीका पदार्थ के आधार पर पाई जाती है, जो इसे स्वादिष्ट रसयुक्त, कोमल और अच्छी उपज के साथ ही साल दर साल हरे चारे की अच्छी को हाथी घास भी कहा है. क्योंकि, इसकी ऊंचाई 10 से 15 फिट हो जाती है इस घास की पहली कटाई 60 से 70 दिन में होती है. जबकि, बाद की कटाई 30 से 35 दिन में 3 से 4 फीट ऊंचाई की आसानी से मिल जाती है.
पानी पर निर्भर करता है उत्पादन
तेज गर्मी में यह घास अधिक बढ़वार देती है. इस घास को जितना अधिक पानी देते हैं या उतनी ही अधिक उत्पादन देती है. राज्य सरकार ग्राम पंचायतों में हाइब्रिड नेपियर घास प्रदर्शन लगाएगी. राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन (आरएसपीडीएम) के तहत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में हाइब्रिड नेपियर घास (बहुवर्षीय चारा फसल) की प्रदर्शनी लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई.
क्या है नेपियर
हाइब्रिड नेपियर घास एक बहुवर्षीय चारा फसल है. इसे हर प्रकार की जलवायु एवं मिट्टी में उगाया जा सकता है. किसानों और पशु पालकों के लिए यह एक बेहतर पशु चारा विकल्प है. नेपियर घास की एक बार खेती करने के बाद 8 वर्षों तक हरे चारे का उत्पादन होता है.