सिंचाई पानी की समस्या से जूझ रहे सिवाना के किसान, आयोजित हुई खास बैठक
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सिंचाई पानी की समस्या से जूझ रहे सिवाना के किसान, आयोजित हुई खास बैठक

 राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार को पार्टी बनाया गया है लेकिन बैठक में गुजरात सरकार भाग नहीं ले रही है. इसके कारण स्थाई समाधान नहीं निकल पा रहा है और पानी राजस्थान में नहीं पहुंच पा रहा है.

सिंचाई पानी की समस्या से जूझ रहे सिवाना के किसान, आयोजित हुई खास बैठक

Siwana: बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बे के ललेची माता मंदिर प्रांगण में क्षेत्र के किसानों की बैठक आयोजित हुई. जिला अध्यक्ष बाबूलाल परिहार के नेतृत्व में आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सहित सेवानिर्मित अधिकारियों ने भी भाग लिया औरर अपने विचार व्यक्त किए.

मंच पर मुख्य अतिथियों ने बैठने से इनकार किया. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक मंच पर मान सम्मान नहीं करवाएंगे. किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने बताया कि माई नदी पर स्थित कड़ाना बांध 2 / 3 हिस्से के पानी पर जालोर सिरोही बाड़मेर का प्रमाणित है. फिर भी इस पानी को गुजरात में भेजा जा रहा है, जिसका अधिकार राजस्थान का है. आरटीआई में खुलासा हुआ है, कि इस पर हक राजस्थान का है. 

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सुजलाम, शुक्ला नहर से यह पानी गुजरात भेजा जा रहा है. इसको लेकर हमने हाई कोर्ट में रिट लगाई थी. रिट में यह प्रमाणित हो गया है. राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार को पार्टी बनाया गया है लेकिन बैठक में गुजरात सरकार भाग नहीं ले रही है. इसके कारण स्थाई समाधान नहीं निकल पा रहा है और पानी राजस्थान में नहीं पहुंच पा रहा है. समय रहते इसका निस्तारण नहीं किया गया तो राजस्थान के किसान चुप नहीं बैठेंगे बड़े आंदोलन उच्च स्तर पर किए जाएगा.

क्या बोले प्रदेश उपाध्यक्ष केसर सिंह 
प्रदेश उपाध्यक्ष केसर सिंह ने बताया कि गुजरात सरकार हमारे पानी का उपयोग 1967 से कर रही है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और सही पैरवी नहीं करने के कारण किसानों को मजबूरी में ऊंचे दामों पर टैंकरों के जरिए पानी मंगा कर अपनी जलापूर्ति करनी पड़ती है और ईश्वर पर निर्भर रहना पड़ता है. कोषाध्यक्ष सुरेश व्यास पिछले 13 वर्षों से इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं. हाई कोर्ट में यह प्रमाणित हो गया कि डैम का पानी किसानों को मिलना चाहिए, जिसके बाद 32,62,552 बीघा बंजर जमीन हरी-भरी हो जाएगी और किसानों के लिए सर्वाधिक लाभदायक रहेगी. स्थानीय जनप्रतिनिधि सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हुए हैं. इसको लेकर कोई पहल नहीं कर रहा है. अब किसानों एक जुट होकर अपनी लड़ाई खुद लड़ने की जरूरत है.

जिला अध्यक्ष बाबूलाल परिहार ने लूनी नदी में प्रतिवर्ष पाली जिले के नोएडा बांध से छोड़े जाने वाले रसायनिक पानी पर चिंता व्यक्त करते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर जमकर निशाना साधा. हर वर्ष प्रदूषित पानी के कारण सैकड़ों बीघा जमीन बंजर होती जा रही है. वहीं कृषि कुओं का पानी भी पीने योग्य नहीं रहा है. सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ भी किसानों के हाथ नहीं लगता है. ना ही इसके स्थाई निस्तारण को लेकर कोई उम्मीद की किरण नजर आ रही है.

मोडाराम देवासी प्रतापराम चौधरी, सेवानिवृत्त महिपाल सिंह वन विभाग अधिकारी, जसकरण सारण, अर्जुनसिंह वनपाल डीएफओ एडिशनल एसपी पहाड़सिंह, अर्जुन सिंह सारण डीएफओ, अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए. मंच संचालक अनिरूद्ध सिंह राठौड़ ने किया. बैठक में भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया.

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