बूंदी न्यूज: बूंदी जिले के 63 गांवों को केडीए से हटवाने को लेकर राज्यपाल से भाजपा प्रतिनिधिमंडल मिला. इस दौरान राज्यपाल को प्रतिवेदन प्रस्तुत कर केडीए विधेयक 2023 पर रोक लगाने की मांग रखी गई.
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बूंदी: कोटा में 63 गांव शामिल किए जाने के विरोध में अब बूंदी जिले के कई संगठन विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. आज भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता अनिल जैन की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला और केडीए का विरोध जताया.
कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023 पर रोक लगाने की मांग
भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा जिला प्रवक्ता अनिल जैन तालेड़ा और किसान नेता गिरिराज गौतम की अगुवाई में जयपुर में राज्यपाल कलराज मिश्र से आज मुलाकात की है. भाजपा जिला प्रवक्ता अनिल जैन तालेड़ा ने राजस्थान विधानसभा में पास हुए कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023 पर रोक लगाने की मांग करते हुए राज्यपाल को प्रतिवेदन सौंपा.
बूंदी जिले में पुरजोर विरोध
जैन ने राज्यपाल को बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा बूंदी जिले के 63 गांव जिसमें तालेड़ा तहसील के 48 गांव एवं केशोरायपाटन तहसील के 15 गांव को बिना जनमत जाने कोटा विकास प्राधिकरण में शामिल कर लिया है. जिसका पूरे बूंदी जिले में पुरजोर विरोध है एवं संपूर्ण बूंदी जिलावासी इस केडीए से बूंदी जिले को अलग करने की मांग कर रहे हैं.
पुनर्विचार के लिए सरकार से बात
जैन ने राज्यपाल को अवगत कराया कि विकास के नाम पर बूंदी जिले के गरीब किसानों को ठगा जा रहा है एवं भू माफिया अपनी चांदी काटने के लिए केडीए को बूंदी की तरफ बढ़ा रहे है. राज्यपाल ने आश्वस्त करते हुए कहा कि वह इस बिल को पुनर्विचार के लिए सरकार से बात की जायेगी. प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता नवीन श्रृंगी, लोकेश गौतम, मनोज गुर्जर शुभम पंचोली ,सनी यादव सहित अन्य शामिल रहे .
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