बूंदी में अतिक्रमण हटाने की मांग चार सालों से जारी रही, एक्शन पर समिति ने ली राहत की सांस
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बूंदी में अतिक्रमण हटाने की मांग चार सालों से जारी रही, एक्शन पर समिति ने ली राहत की सांस

बूंदी शहर में स्थित जेत सागर झील से निकल रहे नाले में हो रहे अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति पिछले 4 साल से आंदोलन पर है. संघर्ष समिति के अंतिम चेतावनी के बाद नगर परिषद ने आज एलएनटी मशीन द्वारा कुछ अतिक्रमण को हटा कर नाले की सफाई की. जिससे संघर्ष समिति ने राहत की सांस ली है.

 

बूंदी में अतिक्रमण हटाने की मांग चार सालों से जारी रही.

बूंदी: जिले में नवल सागर और जेत सागर झील है, बरसात में झीलों में पानी भरने के  बाद शहर में निकलता है. इसके लिए राजा रजवाड़े के समय से नाले बनाकर व्यवस्था की गई है. धीरे-धीरे आबादी बढ़ने के साथ नालों पर अतिक्रमण हो गया.जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. 4 साल पूर्व भाजपा नेता रुपेश शर्मा के नेतृत्व में संघर्ष समिति बनाकर नाले से अतिक्रमण हटाने की मांग की. उसे पक्का करने की जानकारी दी. नाला राजस्व रिकॉर्ड में अंकित है. इसकी चौड़ाई भी काफी है, लेकिन लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने से हर वर्ष बाढ़ के हालात हो जाते हैं. बरसाती पानी जमा होने के बाद घरों में घुस जाता है. 

लोग हर साल परेशान होते हैं, इसी मांग को लेकर भाजपा नेता रुपेश शर्मा संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन पर हैं. हाल ही में जिला कलेक्टर रेनू जयपाल ने जेत सागर नाले का निरीक्षण किया. सफाई के निर्देश देने के साथ ही अतिक्रमण हटाने की बात कही थी. इस पर आज नगर परिषद दस्ते ने कार्रवाई शुरू की है. अब देखना होगा कि कितने अतिक्रमण नगर परिषद कितना तोड़ पाता है या केवल दिखावा मात्र करता है.

बूंदी शहर के जेत सागर और नवल सागर से निकलने वाला बरसाती पानी शहर के महावीर कॉलोनी नैनवा रोड देवपुरा तहसील होता हुआ बिबनवा से निकलता है. क्षेत्र में बसी हुई कॉलोनियों में नाले से ऊपर आने वाला पानी घरों में घुस जाता है. बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं. हर साल बारिश के दिनों में यहां बाढ़ के हालात नजर आते हैं.

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नाले पर 37 से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं, इनमें पक्के निर्माण है. कई लोगों ने तो नाले को 70 फीट से मात्र 10 फीट पर ला दिया. बड़े-बड़े मकान निर्माण कर लिए जिला प्रशासन ने सभी को चिन्हित कर अब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है, जिसे अमल में लाया जाना बहुत मुश्किल है.

Reporter- Sandeep Vyas

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