Jaipur News: जरूरत थी डीएपी के 5000 बैग की, लेकिन आया सिर्फ 880 बैग, नाराज किसानों में दिखा रोष
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Jaipur News: जरूरत थी डीएपी के 5000 बैग की, लेकिन आया सिर्फ 880 बैग, नाराज किसानों में दिखा रोष

Jaipur News: बहरोड़ क्षेत्र में इन दिनों रबी की फसल सरसों की बुवाई के लिए डीएपी खाद की भारी मांग है. लेकिन पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान हैं. क्रय-विक्रय सहकारी समिति द्वारा किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कराए जाने से किसान कई दिनों से भटक रहे हैं. 

Jaipur News: जरूरत थी डीएपी के 5000 बैग की, लेकिन आया सिर्फ 880 बैग, नाराज किसानों में दिखा रोष
Jaipur News: बहरोड़ क्षेत्र में इन दिनों रबी की फसल सरसों की बुवाई के लिए डीएपी खाद की भारी मांग है. लेकिन पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान हैं. क्रय-विक्रय सहकारी समिति द्वारा किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कराए जाने से किसान कई दिनों से भटक रहे हैं. किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 5000 बैग डीएपी खाद की मांग भेजी गई थी. लेकिन कई दिनों के इंतजार के बाद मंगलवार को मात्र 880 बैग डीएपी और 120 बैग पोटाश पहुंचे. 
 
बड़ी संख्या में जमा हो गए किसान 
खाद वितरण की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में किसान सुबह 6 बजे से ही सहकारी समिति के कार्यालय पर जमा हो गए. इनमें महिला किसानों की भी भारी तादाद थी, जो लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार करती रहीं. खाद की कमी के चलते भीड़ में अफरा-तफरी मच गई और व्यवस्था बिगड़ने लगी. भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई. कुछ किसानों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि उन्हें उचित समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो रही. जिससे उनकी फसल बुवाई प्रभावित हो रही है. 
 
किसानों में दिख रहा रोष 
क्रय- विक्रय सहकारी समिति के द्वारा किसानों को जबरदस्ती 225 रुपए का नैनो यूरिया लिक्विड दिया जा रहा है. जिसका किसान विरोध भी कर रहे हैं. लेकिन डीपी खाद के साथ नैनो यूरिया लिक्विड खरीद करना मजबूरी बना हुआ है. किसानों ने क्रय विक्रय सहकारी समिति, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ-साथ प्रशासन से जल्द से जल्द पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि उनकी फसलों को नुकसान न हो. कृषि अधिकारी सुनील कुमार गौरा ने बताया कि बहरोड़ क्षेत्र में रवि की फसल करीब 28 हजार हेक्टेयर में बुवाई की जाती है. जिसमें 18 से 19 हजार हेक्टेयर में केवल सरसों की बुवाई होती है. किसानों को सरसों की बिजाई करते समय डीएपी खाद की आवश्यकता होती है.
 

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