जेल प्रहरियों समर्थन में कर्मचारी और बेरोजगार महासंघ आ गया है. जेल प्रहरियों के वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की जा रही है. काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन के बाद जेल प्रहरी मैस बहिष्कार पर अड़े हुए हैं.
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Jaipur: जेल प्रहरियों की मांग के समर्थन में कर्मचारी महासंघ भी उतर आया है. राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने प्रमुख वित्त सचिव से मिलकर जेल प्रहरियों की वेतन विसंगति दूर रखने की मांग की है. वहीं बेरोजगार महासंघ जेल राज्यमंत्री टीकाराम जूली से मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग कर चुका है. दूसरी ओर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन के बाद जेल प्रहरी मैस बहिष्कार पर अड़े हुए हैं.
प्रदेश के जेल प्रहरी लम्बे से समय से वेतन विसंगति दूर करने के की मांग कर रहे हैं.दरअसल में जेलकर्मी पुलिसकर्मियों के समान वेतन की मांग कर रहे हैं. जेलकर्मियों का कहना है कि पहले जेल प्रहरियों को पुलिस कॉन्स्टेबल के समान वेतन मिलता था, लेकिन बाद में 1998 से वेतन में विसंगति हो गई. इस विसंगति को दूर करवाने के लिए जेल प्रहरियों ने वर्ष 2017 में आंदोलन किया था.
विरोध स्वरूप मैस बहिष्कार भी किया था. बाद में सरकार ने समझौता कर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था. इधर मांग नहीं मानी तो वर्ष 2019 में जेल प्रहरियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन और मैस बहिष्कार किया था. यह बात दूसरी है कि उस वक्त अधिकारियों ने तबादले और निलम्बित करने की धमकी देकर आंदोलन को दबा दिया था.
इधर जेल प्रहरियों ने वर्ष 2017 में हुए समझौते को लागू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. जेल प्रहरियों ने मांग नहीं मानने पर मैस बहिष्कार की चेतावनी दे रखी है. इधर जेलकर्मियों के इस प्रदर्शन पर जेल प्रशासन उन्हें धमकाने पर उतर आया. भरतपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक ने तो आदेश जारी कर निलम्बित करने की चेतावनी तक दी. वहीं कुछ अफसरों ने रॉलकॉल में प्रहरियों को प्रदर्शन नहीं करने के लिए भी धमकाया. इसके बावजूद प्रदर्शन किया.
इधर जेल प्रहरियों की मांग के समर्थन में राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने वित्त सचिव अखिल अरोड़ा से मिला. उन्होंने प्रहरियों को मिल रही पे ग्रेड को चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के आसपास बताया, जबकि जेल प्रहरी खूंखार कैदियों के बीच काम करते हैं.
राठौड़ का कहना है कि अरोड़ा ने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री से बात कर उचित समाधान करवाने का आश्वासन दिया. दूसरी ओर बेरोजगार महांसघ अध्यक्ष उपेन यादव भी जेल राज्यमंत्री टीकाराम जूली से मिलकर बात कर चुके हैं. जूली ने इसके लिए सीए से बात कर उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया.
समान ड्यूटी तो वेतन अलग-अलग क्यों ?
जेलकर्मियों को कहना है कि प्रदेश जेलों पर पुलिस, RAC तथा जेल तीन सरकारी सुरक्षा संस्थाएं नियमित तौर पर नियोजित हैं. तीनों ही राज्य के गृह विभाग के अधीन हैं. ट्रेनिंग, वर्दी, वर्दी भत्ता, पीएसपी प्लान, कार्य तथा उच्चाधिकारियों में समानता के बावजूद जेलकर्मियों के वेतनमान, भत्ते और अन्य मूलभूत सुविधाओं व योजनाओं में असमानताएं हैं. एक ही परिसर में एक ही उद्देश्य जेल सुरक्षा के लिए जेल, पुलिस और आरएसी के वेतनमान भत्तों में असमानता होने से जेलकर्मियों का मनोबल स्तर गिर चुका है.
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