Jaipur News: राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाला, इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय करेगी जांच कमेटी
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Jaipur News: राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाला, इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय करेगी जांच कमेटी

Jaipur News: राजस्थान में जल जीवन मिशन के 55 करोड़ के फर्जी भुगतान मामले में भजनलाल सरकार ने तीन जांच कमेटियां गठित की हैं. 150 इंजीनियर्स पर दोष तय कर चार्जशीट जारी होगी. प्रवर्तन निदेशालय भी इस पर नजर बनाए हुए है, जिससे इंजीनियरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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Rajasthan News: जल जीवन मिशन में करोड़ों के हुए फर्जी भुगतान पर भजनलाल सरकार ने इंजीनियर्स पर दोष तय करने के लिए समितियों का गठन किया. कमेटी की रिपोर्ट के बाद अभियंताओं को चार्जशीट थमाई जाएगी. इंजीनियर्स ने पिछली कांग्रेस राज में जेजेएम में जमकर घोटाला हुआ, आखिर कितने इंजीनियर्स की मुश्किलें बढ़ सकती है.

तीनों कमेटियां 150 इंजीनियर्स पर दोष तय करेगी-
जल जीवन मिशन घोटाले में 55 करोड के फर्जी भुगतान पर इंजीनियर्स की मुश्किलें बढ सकती है. राज्य सरकार ने 150 इंजीनियर्स के दोष तय करने के लिए 3 कमेटियों का गठन किया है. जल जीवन मिशन एमडी कमर उल जमान चौधरी के निर्देश पर  संयुक्त सचिव प्रवीण लेखरा ने आदेश जारी किए. तीनों कमेटियां 150 इंजीनियर्स पर दोष तय करेगी. कमेटियां 5 जिले जिसमें कोटपूतली-बहरोड़, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, नीमकाथाना में हुए फर्जी पैमेंट करने वाले इंजीनियर्स का दोष तय करेगी. इसके बाद जलदाय विभाग इंजीनियर्स को चार्जशीट थमाकर कार्रवाई करेगा. हालांकि मिलीभगत करने वाले कई इंजीनियर्स गोलमोल जवाब देने की प्लानिंग कर रहे. इसके लिए वाट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है. दोष निर्धारण की रिपोर्ट पर प्रवर्तन निदेशालय भी संज्ञान ले सकता है. क्योंकि फर्जी पैमेंट पर प्रवर्तन निदेशालय ने पीएचईडी से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद पूरे घोटाले का खुलासा हुआ था. फर्जी पैमेंट के खुलासे के बाद जलदाय विभाग ने 150 इंजीनियर्स को नोटिस थमाया, जिसके बाद अब जलदाय विभाग ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है. 

ये तीन कमेटियां बनाई सरकार ने-
कमेटी 1- कोटपूतली-बहरोड में हुए फर्जी भुगतान करने वाले इंजीनियर्स के दोष तय करने के लिए अधीक्षण अभियंता केके अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. जिसमें दो सदस्य अधिशाषी अभियंता प्रेमराज सैनी, सहायक लेखाधिकारी एसडी गुप्ता को शामिल किया गया है.
कमेटी 2- जयपुर ग्रामीण और दौसा में फर्जीवाड़े में लिप्त इंजीनियर्स पर दोष निर्धारण के लिए अधीक्षण अभियंता प्रदीप गुप्ता, अधिशाषी अभियंता गंगराम मौर्य, सहायक लेखाधिकारी दीपक तिवाडी रिपोर्ट देंगे. 
कमेटी 3- अलवर और नीमकाथाना के लिए अधीक्षण अभियंता विश्वजीत नागर, अधिशाषी अभियंता केके नारंग, सहायक लेखाधिकारी ओपी जाजू को कमेटी में शामिल किया है.

150 इंजीनियर्स को थमाए गए थे नोटिस-
पाइप लाइनों और बिना कार्यों के फर्जी भुगतान के मामले में जलदाय विभाग ने 15 एक्सईएन, 40 एईएन और 50 जेईएन, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ लेखाधिकारी, अंकेक्षक को कारण बताओं नोटिस थमाए गए थे. अब ये कमेटी इनके जवाब का परीक्षण करेगी, जिसके बाद उचित जवाब नहीं मिलने पर चार्जशीट थमाई जाएगी.

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