JJM Fake certificates in tenders worth 900 crores: पीएचईडी की उच्च स्तरीय जांच कमेटी के सवालों पर केंद्र की उपक्रम इरकॉन कंपनी का 7 दिन बाद कोई जवाब नहीं आया है.उच्च स्तरीय कमेटी पत्रावली के माध्यम से जांच कर रही है.सूत्रों बताते है कि जरूरत पडी तो जांच के लिए फिर से केरल जा टीम केरल भी जा सकती है.उपसचिव गोपाल सिंह की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था.
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Rajasthan JJM Fake certificates in tenders worth 900 crores: कौन सच्चा-कौन झूठा, इरकॉन या गणपति-श्याम फर्म..? पीएचईडी में श्याम और गणपति ट्यूबवेल्स फर्म के 900 करोड़ के टेडरों में फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में अभी भी यही सवाल बना हुआ है. उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने इरकॉन से सवाल पूछा था- कौन सा प्रमाण पत्र सहीं और कौन सा गलत. क्योंकि इरकॉन के दो प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. पहला प्रमाण पत्र को इरकॉन ने 7 अप्रैल को सही बताया था,जबकि दो महीने बाद इरकॉन ने प्रमाण पत्र को गलत बताया था.
सूत्रों की माने तो पीएचईडी की उच्च स्तरीय जांच कमेटी के सवालों पर केंद्र की उपक्रम इरकॉन कंपनी का 7 दिन बाद कोई जवाब नहीं आया है.उच्च स्तरीय कमेटी पत्रावली के माध्यम से जांच कर रही है.सूत्रों बताते है कि जरूरत पडी तो जांच के लिए फिर से केरल जा टीम केरल भी जा सकती है.उपसचिव गोपाल सिंह की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था.
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सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दोनो फर्मों पर अनुभव प्रमाण पत्र के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद में तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया था.जिसमें उपसचिव गोपाल सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी. कमेटी में चीफ इंजीनियर तकनीकी दलीप गौड़ और एफए को सदस्य बनाया था.कमेटी को 7 दिन में रिपोर्ट सौपनी थी, लेकिन अब तक इरकॉन का रिप्लाई नहीं आने के बाद जांच रिपोर्ट में देरी हो रही है.