Rajasthan में 500 रुपए में LPG सिलेंडर, 'उज्जवला' से 74 लाख परिवार के घरों में पहुंचा 'उजाला'750 करोड़ का प्रावधान
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Rajasthan में 500 रुपए में LPG सिलेंडर, 'उज्जवला' से 74 लाख परिवार के घरों में पहुंचा 'उजाला'750 करोड़ का प्रावधान

Rajasthan: मंहगाई के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार ने आम जन और बीपीएल कार्ड धारियों को बड़ी राहत दी है, सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान में 500 रुपए में सिलेंडर देने का इंतजाम किया है.इससे करीब 74 लाख परिवार को लाभ मिलेगा. इससे अब हर घर तक उज्जवला का उजेला फैलेगा.

 

फाइल फोटो

Rajasthan: राजस्थान की गहलोत सरकार ने 500 रुपए में सिलेंडर देकर 'उज्जवला' से 'उजाला' लाकर धुआं-धुआं होते गांवों को फिर से धुआं मुक्त करने के साथ महंगाई से राहत देने की कोशिश की हैं.राजस्थान की गहलोत सरकार 'मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर' के तहत 500 रुपए में सिलेंडर देगी.इससे राजस्थान के करीब 74 लाख उज्जवला और बीपीएल परिवारों जितनी राहत मिलेगी,सरकार पर उतना ही भार बढ़ जाएगा.

क्योंकि गैस की कीमतें कम नहीं हो रही हैं, बल्कि सस्ती गैस मुहैया कराने पर उपभोक्ताओं को होने वाली बचत की राशि राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी.कैसे मिलेगा 500 रुपए में उज्जवला योजना और बीपीएल में शामिल परिवारों को शामिल किया गया.

सालाना 750 करोड़ वित्तीय भार वहन कर 500 रुपए में सिलेंडर देगी सरकार
यदि आपको 500 रुपए में सिलेंडर लेना है और आप उज्जवला योजना और बीपीएल श्रेणी में शामिल है.तो आप अपना बैंक खाता जन-आधार से लिंक करवा लीजिए.जी हां ऐसे परिवारों को राज्य की गहलोत सरकार 750 करोड़ रुपए वित्तीय भार वहन कर 500 रुपए में प्रति माह एक सिलेंडर देगी. इसके लिए सरकार इन परिवारों के खाते में सब्सिडी भेजेगी.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है.ये सब्सिडी बीपीएल कनेक्शन धारकों को 610 रुपए, जबकि उज्ज्वला कनेक्शन वालों को 410 रुपए मिलेंगे.मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना के तहत सरकार ने इस योजना को शुरू करने के आदेश जारी किए हैं.

राज्य सरकार पर करीब 750 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा.वर्तमान में राजस्थान में साधारण तौर पर घरेलू गैस सिलेंडर करीब 1106 रुपए में मिलता है.बीपीएल और उज्जवला कनेक्शन धारकों को घर पर रसोई गैस सिलेंडर देने वाले एजेंट या सप्लायर को पूरे पैसे (वर्तमान दर 1106.50 रुपए) देने पड़ेंगे.जब सिलेंडर डिलीवरी हो जाएगा तो बीपीएल कनेक्शन धारकों के 610 रुपए सीधे बैंक खाते में सब्सिडी के रूप में आ जाएंगे.उज्जवला कनेक्शन धारकों के पास 410 रुपए सब्सिडी के रूप में बैंक में आएंगे.

मूल निवासियों को ही उपलब्ध करवा रही

क्योंकि इन कनेक्शन धारकों को केन्द्र सरकार पहले ही 200 रुपए सस्ता सिलेंडर देती है.इस योजना के तहत कैश सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कनेक्शन धारकों को अपना बैंक खाता जन आधार कार्ड से लिंक करवाना होगा.अगर बैंक खाता जन आधार कार्ड से लिंक नहीं होगा तो सब्सिडी नहीं आएगी.राज्य सरकार 500 रुपए में सिलेंडर केवल राज्य के मूल निवासियों को ही उपलब्ध करवा रही है.

हालांकि इस प्रक्रिया को शुरू होने में अभी थोड़ा समय लग सकता है.राज्य सरकार को अभी केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से बीपीएल और उज्जवला कनेक्शन धारकों की सूची (नाम और कनेक्शन नंबर समेत) नहीं मिली है.ऐसे में अब राज्य सरकार गैस एजेंसियों के जरिए ये डेटा तैयार करवाने की तैयारी कर रही है.एक अप्रैल के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लाभार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा.

ये है उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं की संख्या
IOCL-29.09 लाख
BPCL-20.86 लाख
HPCL-19.25 लाख
कुल-69.10 लाख

इसी तरह राजस्थान से बीपीएल श्रेणी में 4.04 लाख उपभोक्ता की संख्या
इंडियन ऑयल -2.49 लाख
बीपीसीएल-77 हजार
एचपीसीएल-78 हजार
कुल-4 लाख 4 हजार

राजस्थान का फूड डिपार्टमेंट और सेंटर की पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल का मानना है कि प्रदेश में औसतन 3 से 4 लोगों के परिवार के बीच एक सिलेंडर का इस्तेमाल होता है.ऐसे में इन 74 लाख उज्जवला और बीपीएल श्रेणी के गैस कनेक्शनधार को राजस्थान सरकार जब सस्ता घरेलू गैस सिलेंडर देगी तो इसका सीधा असर लगभग ढाई करोड से ज्यादा पर पड़ेगा.

योजना में प्रदेश में केवल आईओसीएल,बीपीसीएल और एचपीसीएल को ही सब्सिडी दरों पर गैस सिलेंडर रीफिलिंग की अनुमति है,या यूं कहें कि केवल इन तीन गैस कपंनियों से सिलेंडर लेने वालों को ही फायदा होगा.

प्रदेश में तीनों गैस कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल) के 1 करोड़ 75 लाख 48 हजार से ज्यादा कनेक्शन धारी हैं.इनमें से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 69 लाख 10 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं.इसके अलावा 4 लाख 4 हजार बीपीएल परिवार हैं,जिनके पास गैस कनेक्शन है.इन सभी कनेक्शन धारियों को इसी महीने (अप्रैल) से रसोई गैस की रिफिल बुकिंग करवाने के बाद राज्य सरकार सब्सिडी के तौर पर रकम देगी.

दरअसल केंद्र सरकार ने छह साल पहले उज्जवला योजना की शुरुआत की थी.तब इस योजना को एक ऐसी योजना बताया था जिससे गरीब महिलाओं को लकड़ी-उपले के धुएं में खाना बनाने से आजादी मिलने वाली बताया था.

लेकिन इसके छह साल गुजर जाने के बाद यह योजना दम तोड़ रही है.बढ़ते एलपीजी के दाम ने महिलाओं को एक बार फिर से धुएं वाले चूल्हे पर खाना बनाने पर मजबूर कर दिया है या यूं कहे की आधी आबादी को धुएं से राहत देने के लिए तैयार की गई उज्ज्वला योजना धरातल पर परवान नहीं चढ़ रही है.

बहरहाल, गरीब का गैस से नाता टूट गया है.गैस का सिलेण्डर 1100 रुपए के आसपास पहुंचने से उज्ज्वला योजना के ज्यादातर लाभार्थियों का गैस सिलेण्डर,चूल्हे से निकल कर ताक में जा पहुंचा है.योजना के फ्लाप होने से जहां गांवों में फिर चूल्हे जलने लगे हैं.गहलोत सरकार ने फिर से एक बार ताक पर पहुंच चुके सिलेंडरों को वापस चूल्हे के पास लाने की कोशिश की हैं.

खास बातें
500 रुपए में मिलेगा सिलेंडर अब 'उज्जवला' से होगा 'उजाला'
गांवों को धुआं मुक्त करने के साथ महंगाई से राहत की कोशिश
गहलोत सरकार देगी 500 रुपए प्रति माह सिलेंडर
'मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर' के तहत 500 रुपए में सिलेंडर देगी सिलेंडर
73 उज्जवला योजना और बीपीएल श्रेणी में शामिल परिवारों को राहत
बैंक खाता करवाना होगा जन आधार कार्ड से लिंक,तभी आएगी सब्सिडी
उज्जवला कनेक्शन धारकों के पास 410 रुपए सब्सिडी बैंक खाते में आएगी

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