Unique feat: आपने ये तो कई बार सुना होगा कि आटा चक्की बिजली से चलती है, पर क्या आपने ये सुना है कि आटा चक्की पैडल मारने से भी चलती है, हां अब आटा चक्की साइकल का पैडल मारने से भी चलेगी. यानी बिजली कि कोई जरूरत नहीं है. यह आनोखा कारनामा किया है यूपी के कानपुर शहर के राजकीय पॉलिटेक्निक के छात्रों ने.
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Unique feat: हम जो सोचते हैं, वो सब कुछ संभव है. बस एक छोटी सी शुरूआत कि जरूरत होती है. दशकों तक बीजली से चलनी वाली आटा चक्की को ये खबर आराम देने वाली है. क्योंकि अब गेहूं पीसने के लिए बिजली कि जरूरत नहीं है. कानपुर के राजकीय पॉलिटेक्निक के छात्रों ने एक ऐसा आनोखा कारनामा किया है कि उससे उनके इस नवीन निर्माण की हर जगह चर्चा हो रही है. छात्र अमन शर्मा, प्रियंका शर्मा, शौर्य वर्मा, मो. हुसैन और अनिल कुशवाहा ने एक मॉर्डन आटा चक्की का निर्माण किया है. खास बात यह है कि ये आटा चक्की बिजली से नहीं पैडल से चलेगी.
साथ ही साथ इसको चलाने से आपकी एक्सरसाइज भी होगी. बीते दिन छात्रों ने वार्षिकोत्सव उमंग-2020 में प्रदर्शित किया गया है. अब राजस्थान के लोगों को भी ये मॉडल काफी पसंद आ रहा है. हालांकि साइकल वाली आटा चक्की कि खबर पहले भी कई बार सामने आ चुकी है. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं रहती उन क्षेत्रों में यह मशीन बेहतर विकल्प बनकर उभर सकती है.
साइकल के कांसेप्ट का किया गया है प्रयोग
इस मशीन के निर्माण के लिए साइकल के कांसेप्ट का प्रयोग किया है. एक ऐसा फ्रेम बनाया गया है कि जिसमें पैडल मारने पर रॉड पर लगे दोनों स्टोन मूवमेंट करेंगे. जब आप साइकिल के फ्रेम में बैठकर पैडल चलाएंगे तो स्टोन भी घूमेगा. इन स्टोन के बीच में जब गेहूं आएगा तो वह पिस जाएगा. इसे मॉडर्न वर्क आउट एंड ग्राइंडिंग मशीन भी कहा जा रहा है. शैक्षणिक इवेंट में इस पैडल वाली आटा चक्की कि खूब चर्चा रही. जिसने भी इस आटा चक्की को देखा वही वाह-वाह करने लगा...
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