Palmistry : हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की लकीरों से जातका का भूत- भविष्य और वर्तमान जाना जाता है. कुछ जातकों के हाथ में दो-दो भाग्य रेखाएं होती है. जो शुभ भी हो सकती हैं और अशुभ भी.
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Palmistry : हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की लकीरों से जातका का भूत- भविष्य और वर्तमान जाना जाता है. कुछ जातकों के हाथ में दो-दो भाग्य रेखाएं होती है. जो शुभ भी हो सकती हैं और अशुभ भी. कई बार एक भाग्य रेखा बड़ी और दूसरी छोटी होती है. छोटी भाग्य रेखा, बड़ी भाग्य रेखा को सपोर्ट देती है.
कुछ जातकों के हाथ में भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से शुरू होकर शनि पर्वत के नीचे तक जाती है. जिसे शुभ कहा जाता है. लेकिन अगर भाग्य रेखा मणिबंध से शुरू होकर मध्यमा तक जाती है तो इसे अशुभ कहा जाता है.
अगर किसी जातक के हाथ में दो भाग्य रेखाएं हैं तो उसके पास आय के दो साधन होंगे. कई बार ऐसे लोगों की लॉटरी भी लग जाती है. जिसके बाद ये कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं.
अगर ऐसे जातकों की दूसरी छोटी वाली भाग्य रेखा चंद्र पर्वत के ठीन सामने से आरंभ हो तो ये आर्थिक रूप से संपन्न होते है. इसके साथ ही जिनके हाथ में पहली रेखा दूसरी भाग्य रेखा से छोटी होती है. उन लोगों को अपने दोस्तों से आर्थिक सहयोग मिलता है.
जब जातक के हाथ में दोहरी भाग्य रेखा हो और उनमें से एक चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर मस्तिष्क रेखा को काटते हुए ह्रदय रेखा पर आकर खत्म होती है. तो ऐसे लोगों का भाग्य हमेशा साथ देता है. जब हाथ में दोहरी भाग्य रेखा समान आकार की हो तो आर्थिक संपन्नता औऱ समृद्धि आती है.
हथेली में मुख्य भाग्य रेखा के समान दूसरी भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा से शुरू होती है तो जातक कर्मों के अनुसार लाभ पाने में असफल रह सकता है. जीवन भर हर काम में बाधा आती है और मानसिक तनाव बना रहता है. वहीं अगर हथेली में दोनों भाग्य रेखा एक साथ शुरू होकर अंत में हथेली पर आकर मिल जाती है, तो ऐसे लोगों को किसी भी काम में सफल होने में समय लगता है.