डीडवाना के बांगड़ राजकीय जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत नर्सिंगकर्मी के साथ ड्यूटी के दौरान देर रात हुई अभद्रता और मारपीट के विरोध में जिला अस्पताल के समस्त कार्मिकों और चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया.
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नागौर: डीडवाना के बांगड़ राजकीय जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत नर्सिंगकर्मी के साथ ड्यूटी के दौरान देर रात हुई अभद्रता और मारपीट के विरोध में जिला अस्पताल के समस्त कार्मिकों और चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया. जानकारी के अनुसार देर रात ट्रॉमा सेंटर पर एक महिला मरीज को दिखाने आए अटेंडेंट ने चिकित्सक को मौके पर बुलाने की बात को लेकर नर्सिंगकर्मी के साथ बदसलूकी और मारपीट कर ली.
मरीज के साथ आया अटेंडेंट शराब के नशे में बताया जा रहा है. घटना की सूचना देने के एक घंटे बाद पुलिस पहुंचने से भी चिकित्साकर्मियों में काफी गुस्सा था क्योंकि बांगड़ अस्पताल से पुलिस थाने की दूरी बमुश्किल 1 किलोमीटर है. सुबह अस्पताल का ओपीडी समय शुरू होते ही समस्त चिकित्साकर्मी और चिकित्सक ट्रॉमा सेंटर के गेट पर कार्यबहिष्कार की घोषणा कर धरने पर बैठ गए. चिकित्साकर्मियों की मांग थी कि आरोपी युवक और उसके भाई को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और अस्पताल में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो सके.
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डॉक्टरों के काम रोकने से मरीज होते रहे परेशान
चिकित्साकर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण अस्पताल की समस्त सेवाएं ठप हो गई. ना तो ओपीडी सेवाएं सुबह से ही शुरू हो पाई और ना ही आईपीडी के मरीजों की देखभाल करने वाला भी कोई था. प्रशासन को सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी कार्तिकेय मीण और सीओ गोमाराम जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने चिकित्सकों और अन्य कार्मिकों से समझाइश की कोशिश की. लेकिन सभी कार्मिक अपनी मांगों पर अड़े रहे.
मामले में दो आरोपी गिरफ्तार
सीओ गोमाराम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तारी की जानकारी दी, लेकिन चिकित्साकर्मी सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी लगाने की मांग पर अड़ गए. बाद में 24 घंटे अस्पताल में दो आरएसी के जवानों की तैनाती के आश्वासन पर कार्मिक माने. तकरीबन चार घंटे के इस कार्यबहिष्कार में मरीजों के हाल बेहाल हो गए. आखिरकार धरना समाप्त होने पर मरीजों ने राहत की सांस ली. जिसके बाद आईपीडी और ओपीडी सेवाएं सुचारू की गई. लेकिन तक तक बाहर से आने वाले सैंकड़ों मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा.