Nagaur News: महावीर जयंती पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा, बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ लगे भगवान के जयकारे
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Nagaur News: महावीर जयंती पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा, बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ लगे भगवान के जयकारे

Nagaur News: जैन समाज द्वारा महावीर जयंती के अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ शोभायात्रा निकाली गईं. ग्रामीणों ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का अभिनंदन किया.

Nagaur News: महावीर जयंती पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा, बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ लगे भगवान के जयकारे

Nagaur News: रिया बड़ी उपखंड के ग्राम थांवला में जैन समाज द्वारा महावीर जयंती ( Mahavir Jayanti) के अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. कस्बे के मुख्य मार्गों से बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ शोभायात्रा निकाली गईं. ग्रामीणों ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का अभिनंदन किया. शोभायात्रा के दौरान भगवान महावीर स्वामी के जय कारे लगाते हुए अहिंसा परमो धर्म का संदेश दिया. समाजसेवी राजेश जैन ने बताया कि जैन संप्रदाय के लोगों के लिए महावीर जयंती बहुत ही खास मानी जाती है.

महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग प्रभात फेरी, अनुष्ठान और शोभायात्रा निकालते हैं. भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए मनुष्यों के लिए पांच नियम स्थापित किए. जिन्हें हम पंच सिद्धांत के नाम से जानते हैं. ये पांच सिद्धांत अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, सत्य और अपरिग्रह है. कमल जैन ने कहा कि महावीर जयंती के दिन भगवान महावीर की पूजा की जाती है और उनके दिए गए उपदेशों को स्मरण करके उनके बताए गए सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया जाता है. साथ ही इस अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

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जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म बिहार के कुंडाग्राम में हुआ
दिलीप खटोड़ ने बताया कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है. जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म बिहार के कुंडाग्राम में हुआ था. भगवान महावीर ( Bhagwan Mahavir) के बचपन का नाम वर्धमान था. दंत कथानुसार 30 वर्ष की आयु में इन्होंने राज महलों के सुख को त्याग कर सत्य की खोज में जंगलों की ओर चले गए. घने जंगलों में रहते हुए इन्होंने बारह वर्षों तक कठोर तपस्या की, जिसके बाद ऋजुबालुका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे उन्हें कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. भगवान महावीर ने समाज के सुधार और लोगों के कल्याण के लिए उपदेश दिए.

शोभायात्रा में रहे शामिल
शोभायात्रा में दर्जनों महिला पुरुषों और बच्चों ने भाग लिया. शोभायात्रा के पश्चात महावीर स्वामी कि भव्य आरती कर महा प्रसाद का वितरण किया गया.

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