राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुख्यात माफिया को प्रतापगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार, कई मामले हैं दर्ज
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राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुख्यात माफिया को प्रतापगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार, कई मामले हैं दर्ज

प्रतापगढ़ न्यूज: राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुख्यात माफिया कमल राणा को प्रतापगढ़ पुलिस ने ट्रांजेक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर कई मुकदमे दर्ज हैं. आरोपी से पूछताछ जारी है.

राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुख्यात माफिया को प्रतापगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार, कई मामले हैं दर्ज

Pratapgarh: राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुख्यात ड्रग माफिया और कई अवैध धंधों में लिप्त कमल राणा को प्रतापगढ़ पुलिस ने ट्रांजेक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है. राणा को महाराष्ट्र के शिरडी से प्रतापगढ़ लाया गया है. 

राजस्थान की जयपुर क्रांइम ब्रांच द्वारा राणा को गिरफ्तार करने के बाद अब प्रतापगढ़ पुलिस ने तीन माह पहले जिले के छोटीसादड़ी में गाड़ी से डोडा चुरा तस्करी करने और पुलिस पर फायरिंग के मामले में ट्रांजेक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है. 

राजस्थान पुलिस ने 50 हजार का इनाम किया था घोषित

एसपी अमित कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच जयपुर ने राणा को महाराष्ट्र के शिरडी से गिरफ्तार किया था. अब राणा को ट्रांजेक्शन वारंट पर प्रतापगढ़ लाकर आगे की पूछताछ की जाएगी. राणा पर राजस्थान पुलिस ने 50 हजार व मध्य प्रदेश पुलिस ने 20 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था. प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले कमल राणा कि लंबे अर्से से मोस्ट वांटेड ड्रग माफिया की तलाश थी. 

हत्या डकैती समते कई मामले हैं आरोपी पर दर्ज

कमल राणा हत्या, लूट, डकैती, हत्या का प्रयास, फायरिंग, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस सहित दर्जनों अपराधों में लिप्त है. इसके खिलाफ चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, सिरोही, पाली, बाड़मेर, उदयपुर और राजस्थान के अन्य कई जिले सहित एमपी के कई थानों में मामले दर्ज है. राणा के खिलाफ करीब 36 मामले दर्ज है.

एसपी अमित कुमार ने बताया कि कमल राणा मूलतः प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है. वहीं से उसने तस्करी के कारोबार को राजस्थान और मध्यप्रदेश में बढ़ाया है. प्रतापगढ़ पुलिस ट्रांजेक्शन वारंट पर प्रतापगढ़ लेकर पहुंची है. यहां प्रतापगढ़ पुलिस की टीम के साथ- साथ क्राइम ब्रांच की विशेष टीम भी पूछताछ करेगी.एसपी ने बताया कि प्रतापगढ़ से शुरू हुए तस्करी के इस अपराध के कई राज प्रतापगढ़ से ही खोले जाएंगे.

प्रतापगढ़ जिले के रठांजना थानांतर्गत बंबोरी निवासी कमल राणा का नीमच व मंदसौर, राजस्थान के प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़ जिलों के सीमावर्ती गांवों में नेटवर्क है. कई जगह उसके गुर्गे हैं. जिनके माध्यम से वह तस्करी का रैकेट चला रहा था. 

कमल मुख्य तौर पर एनडीपीएस तस्करी कराता है, लेकिन हत्या, लूट, डकैती, हत्या का प्रयास व फायरिंग, आर्म्स जैसे अपराध भी बरसों से उसके नाम है. राणा की गिरफ्तारी के बाद से अन्य जिलों व थानों की पुलिस द्वारा भी उसे ट्रांजेक्शन वारंट पर गिरफ्तारी का सिलसिला चलेगा.

साल 2011 में जालोर जेल में भजन सुनाकर रात को 13 बंदी जेल से फरार हो गए थे. जिसके बाद कमल राणा को एसटीएफ, राजस्थान व मध्यप्रदेश की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 2016 में रणथम्बोर से गिरफ्तार किया था लेकिन राणा को इसके बाद 2020 में सिरोही जेल से जमानत मिल गई थी लेकिन वह फरार चल रहा था.

इस फरारी के बाद से ही वह ठिकाने बदल-बदल कर फरारी काट रहा था. साथ ही डोडा चूरा, अफीम, स्मैक की तस्करी भी कर रहा था. उसने अलग ही गैंग बना रखी थी और गैंग का मुखिया बना हुआ था. गैंग में करीब 500 से अधिक लोग शामिल होने की संभावना है. जो ग्रामीण क्षेत्र में तस्करी की गतिविधियों को अंजाम देते थे और तस्कर राणा को खबर करते थे. डोडाचूरा लूट भी करते थे. 

अब प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा राणा से पूछताछ जारी है जिसमे कई खुलासे होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि भोपाल, उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, गांधीसागर, मंदसौर में तस्कर राणा को 100 से अधिक लोगों ने संरक्षण दिया है और पनाह दी है.

प्रतापगढ़ कोतवाली क्षेत्र के बसाड़ गांव में 11 अगस्त, 2011 को कमल राणा ने भरत विश्नोई की हत्या को अंजाम दिया था. 11 अगस्त, 2011 में बसाड़ गांव में जोधपुर निवासी भरत विश्नोई पुत्र सोना राम का शव बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

इस प्रकरण में पुलिस आरोपी कमलसिंह राणा उर्फ कमलसिंह सोंधिया पुत्र डूंगरसिंह सोंधिया निवासी बंबोरी रठांजना , कुशाल पुत्र दिलावर खान निवासी गोरधनपुरा हथुनिया, बसाड़ निवासी सुलेमान पुत्र शफी मोहम्मद, छोटीसादड़ी आर्य नगर निवासी सुभाष उर्फ शोभालाल पुत्र मोतीलाल बसाड़ निवासी युसुफ पुत्र मोहम्मद अली, कपासन निवासी किशन पुत्र रामलाल जाट, कैलाश पुत्र भैरूलाल जाट को गिरफ्तार किया था. 

जांच में सामने आया था की अवैध कारोबार में भरत विश्नोई पर विरोधियों से सांठगांठ करने की शंका पर षड्यंत्र रचकर राणा ने उसकी हत्या कर दी थी. कमलसिंह राणा ने वर्ष 2011 में जालोर जेल को तोड़कर भागने के बाद ही प्रतापगढ़ पंहुच कर इस हत्या को अंजाम दिया था.

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