टोंक के सआदत अस्पताल में इलाज कराने आई महिला, गिर पड़ा प्लास्टर और सरिए
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1419962

टोंक के सआदत अस्पताल में इलाज कराने आई महिला, गिर पड़ा प्लास्टर और सरिए

Tonk News: अस्पताल में पानी सप्लाई के लिए पानी की टंकी जर्जर और जीर्णशीर्ण होकर बड़े हादसे को न्योता दे रही है, जब हालातों का जायजा लिया तो अस्पताल प्रबंधन के सारे दावों की पोल खुलकर सामने आ गई. 

टोंक के सआदत अस्पताल में इलाज कराने आई महिला, गिर पड़ा प्लास्टर और सरिए

Tonk News, टोंक: राजस्थान के टोंक जिले के एकमात्र सबसे बड़े चर्चित हुए सरकारी सआदत अस्पताल की बदहाली लाख कोशिशों के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रही है. सआदत अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीना की अनदेखी और लापरवाही का एक ओर सनसनीखेज मामला सामने आया है. 

जहां पर सालों पहले बनी अस्पताल में पानी सप्लाई के लिए पानी की टंकी जर्जर और जीर्णशीर्ण होकर बड़े हादसे को न्योता दे रही है, जब हालातों का जायजा लिया तो अस्पताल प्रबंधन के सारे दावों की पोल खुलकर सामने आ गई. एक ओर जहां टंकी पूरी तरह से खस्ताहाल हो रही है, तो वहीं टंकी के एक सिरे से प्लास्टर और सरिए का गिरना शुरू हो चुका है. 

हद की बात तो यह है कि यहां दो दिन पहले ही एक बड़ा हादसा होते-होते टला है, जब परिजनों के साथ बैठी महिलाओं पर टंकी से प्लास्टर और सरिए का टूकड़ा टूटकर आ गिरा. गनीमत रही की महिलाए बाल-बाल बच गई. संयोग ऐसा हुआ कि आज वहीं महिला फिर अपने परिजनों के साथ अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंची थी. 

इतना ही नहीं समाजसेवी और भीम सेना के जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने एक बार फिर से प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीना पर मनमानी और अनदेखी के खुलकर आरोप लगाए और मुख्यमंत्री गहलोत से जल्द कार्रवाई की मागं की. 

बता दें कि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीना पर बिना स्वीकृति के जिला मुख्यालय से नदारद रहने, मरीजों से बदसलूकी करने और डिजिटल भारत अभियान की धज्जियां उड़ाने के साथ अस्पताल में अव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर मामले है, जो अब तक सामने आ चुके हैं. 

हालांकि इन मामलों के उजागर करने के बाद कलेक्टर ने कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर के नेतृत्व में एक टीम का भी गठन किया था और टीम ने मौके पर पहुंच कर कई समस्याओं को अपनी आंखों से देखा था, जिसमें पर्ची काउंटर पर कार्मिकों द्वारा मरीजों को हाथों से पर्चिया लिखकर देते हुए देखा. 

साथ ही, अस्पताल में नियुक्त कार्मिकों के पदस्थापन में गड़बड़ियों सहित स्टॉर रूम में दवाओं के गड़बड़झाले होने का भी अंदेशा सामने आया था. अब एक बार फिर से अस्पताल में बड़ी जनहानि का अंदेशा मंडराने लगा है. ऐसे में इस लापरवाही भी कार्रवाई नहीं होना बड़े सवाल खड़े करता है. 

Reporter- Purshottam Joshi

Trending news