Rajasthan Budget 2025: उदयपुर के उद्योग जगत को बजट से राहत की उम्मीदें, मार्बल-खनन करोबारियों पर मंडरा रहा संकट
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2616086

Rajasthan Budget 2025: उदयपुर के उद्योग जगत को बजट से राहत की उम्मीदें, मार्बल-खनन करोबारियों पर मंडरा रहा संकट

Rajasthan Budget 2025: फरवरी में राज्य सरकार अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही है. इस बार उदयपुर के उद्योग जगत से जुडे लोग इस आने वाले बजट से राहत की काफी उम्मीदें कर रहे हैं. 

 

Rajasthan Budget 2025: उदयपुर के उद्योग जगत को बजट से राहत की उम्मीदें, मार्बल-खनन करोबारियों पर मंडरा रहा संकट

Rajasthan Budget 2025: केंद्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट पेश होने जा रहा है. माना जा रहा है कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने में एक कदम ओर आगे बढाएगा. यही कारण है कि इस बार भी आम और खास हर वर्ग के व्यक्ति को इस बजट से काफि उम्मीदें लगा रखी है. बात अगर उदयपुर की करें तो यहां के उद्योग जगत से जुडे़ लोगों को भी बजट से राहत की काफी उम्मीदें है. खास कर मार्बल और खनन करोबार से जुडे़ उद्यमियों को राहत की खास उम्मीद है.

वैसे तो उदयपुर शहर देश और दूनिया में अपनी खूबसूरती को लेकर विख्यात है. लेकिन इसकी दूसरी पहचान आदिवासी अंचल के रूप में भी है. जिले के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए रोजगार को प्रमुख साधन यहां का मार्बल और खनन कारोबार है, जो बीते कुछ वर्षो से खुद संकट से घिरा हुआ है.

ऐसे में हर बार की तरह इस बार भी इस व्यासाय से जुडे़ उद्यमियों को केन्द्र सरकार के आगामी बजट से काफि उम्मीदें है. उद्यमियों का मानना है कि यह बजट उनके कारोबार के लिए ऑक्सीजन का काम करेगा. इसके लिए उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंड्रस्टी और उदयपुर मार्बल प्रोसेसर सहीत इस व्यवसाय के अन्य संगठनों ने अपने सुजाव भी सरकार तक पहूंचाए है. यूसीसीआई के अध्यक्ष मांगीलाल लुणावत ने कहा कि सरकार इस बजट में वन विंडो पॉलिसी को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बेहतर कदम उठाए, जिससे उद्ययमियों को सुविधा मिल सके. नई इंडस्ट्री लगाने के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने पडे़. वहीं मार्बल पर लगने वाले जीएसटी को भी कम किया जाए. ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में नई ओद्योगिक इकाइयां लगाने वाले उद्यमियों को आयकर में भी राहत मिलें, जिससे शहर का ओद्योगिक विकास हो और लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रयादन हो सकें.

सरकार के इस बजट से मार्बल और खनन कारोबार से जुडे़ युवा उद्यमियों ने भी काफी उम्मीदें बांध रखी हैं. युवा उद्यमियों के कहना है कि सरकार की वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना के तहत उदयपुर के ग्रीन मार्बल को सेलेक्ट किया गया है. इस बाजट मे केंद्र सरकार अपनी योजना के तहत होने वाले विकास कार्यो में ग्रीन मार्बल को प्राथमिकता दें. उदयपुर के खेमली कॉम्को जो अभी लोकल स्तर पर जुड़ा हुआ है. यहां से सिधा निर्यात करने की सुविधा को शुरू करें.

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पूर्व की तरह निर्यात पर सब्सिडी के साथ मिलने वाले इंसेंटिव को फिर से शुरू किया जाए. 2017 से पूर्व की की आयात नीति को लागू किया जाए. जिससे स्थानिय उद्योग को लाभ मिल पाए. उदयपुर की रोड कनेक्टिवीटी की तरह उदयपुर की हवाई और रेल कनेक्टिवीट को भी बेहरत बनाया जाए. वहीं मार्बल और खनन व्यवसाय को स्किल्ड एम्प्लॉई मिल मिले. इसके लिए कुछ सेंटर शुरू किए जाए. साथ ही इंड्रस्टी्र में लेबर की कमी को पुरा करने के लिए नरेगा जैसी योजनाओं से उद्योगों को जोड़ जाए.

हर बार की तहर इस बार भी उदयपुर के मार्बल और खनन कारोबारियों ने केन्द्र सरकार के बजट से काफि उम्मीद लगा रखी है. ऐसे मे देखना होगा की वित्त मंत्री निर्मला सीतारण के पीटारे से निकलने वाली घोषणाएं इन कोरोबारियों को कितना संतुष्ठ कर पाती है. 

Trending news