Mumbai News: कांग्रेस ने संजय निरुपम को पार्टी से निकाल दिया है. पिछले दिनों संजय निरुपम ने साफ कहा था कि शिवसेना यूबीटी ने कांग्रेस को खैरात की तरह सीट दी है, मैं इसका विरोध करता हूं. मैं खिचड़ी चोर का प्रचार नही करूंगा.
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Sanjay Nirupam: मुंबई कांग्रेस के चर्चित नेता और पूर्व कांग्रेस सांसद पर आखिरकार कांग्रेस ने गाज गिरा दी है और उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है. वैसे तो वे लंबे समय से अपनी ही पार्टी के अंदर विरोध की आवाज बुलंद किए हुए थे लेकिन उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं को खिचड़ी चोर कहने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व उनसे नाराज था. अब उन्हें पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीनता के आरोप में बुधवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बयानों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए संजय निरुपम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
असल में पिछले दिनों संजय निरुपम ने साफ कहा था कि शिवसेना यूबीटी ने कांग्रेस को खैरात की तरह सीट दी है, मैं इसका विरोध करता हूं. मैं शिवसेना और कांग्रेस की तरफ से जो बातचीत थी उसमें शामिल था. नार्थ वेस्ट का जो सेना का उम्मीदवार है उस पर भ्रष्टाचार का आरोप है. ऐसे खिचड़ी चोर को उमीदवार बनाया गया है. मैं खिचड़ी चोर का प्रचार नही करूंगा.
पटोले का बयान.. तय थी कार्रवाई..
इसके बाद से ही उनके ऊपर कार्रवाई तय मानी जा रही थी. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने तो मुंबई में पार्टी की प्रचार समिति की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा था कि कांग्रेस ने निरुपम का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है.
'मेरे लिए कागज-कलम और ऊर्जा बर्बाद ना करे पार्टी'
नाना पटोले के बयान के बाद संजय निरुपम ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वित्तीय संकट का सामना कर रही पार्टी को अपनी ऊर्जा खर्च नहीं करनी चाहिए. निरूपम ने ट्वीट किया कि गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही पार्टी मेरे लिए कागज-कलम और ऊर्जा बर्बाद ना करे. इसका इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए होना चाहिए. मैंने पार्टी को जो समय सीमा दी थी वह आज खत्म हो रही है. मैं कल अपने अगले कदम के बारे में बताऊंगा.
शिवसेना से शुरू हुआ था करियर
निरुपम एक समय शिवसेना में भी रह चुके हैं. वे सामना के संपादक भी रहे हैं. उन्होंने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी. उन्होंने उत्तर भारतीय फेरीवालों का मुद्दा उठाया था और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वर्ष 2009 के चुनाव में, उन्होंने मुंबई उत्तर सीट से जीत हासिल की थी. हाल ही में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीट में से मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट समेत चार के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद निरुपम ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा था.
अब क्या करेंगे संजय निरुपम?
हालांकि निरुपम ने कहा है कि वह गुरुवार को अपना रुख बताएंगे, लेकिन ऐसा लग रहा है कि वो जल्द ही कोई पार्टी ज्वाइन कर लेंगे. उनके पास शिवसेना एकनाथ शिंदे का भी विकल्प है, इसके अलावा भी वे किसी अन्य पार्टी का दामन थाम सकते हैं. बताया जाता है कि निरुपम मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. मुंबई उत्तर से सांसद रह चुके निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) के आगे दबाव में नहीं झुकना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस को बर्बाद करने की अनुमति देने के समान है.