Maharashtra politics: फडणवीस ने कहा कि शरद पवार साहब ने निश्चित रूप से इस पहलू का अध्ययन किया होगा कि आरएसएस केवल एक राजनीतिक शक्ति नहीं बल्कि एक राष्ट्रवादी आंदोलन है. उन्होंने यह भी कहा कि इसे ऐसे समझना चाहिए कि राजनीति में हर पक्ष का महत्व समझा जाना चाहिए.
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Sharad Pawar praises RSS: महाराष्ट्र की राजनीति अभी कितने राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान करेगी.. ये कहा नहीं जा सकता है. विधानसभा चुनाव के पहले और बाद में क्या सब हैरान है. नई सरकार काम में भी लग गई लेकिन नेताओं के बयानों कयासों का दौर जारी है. इसी कड़ी में एनसीपी पवार के सुप्रीमो शरद पवार ने आरएसएस की तारीफ करके एक नई बहस छेड़ दी. पवार का बयान अप्रत्याशित तो था ही इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर बयान दे दिया. फडणवीस ने उन्हें चाणक्य बता दिया और इसे राजनीति में ‘कुछ भी संभव’ होने का उदाहरण बताया.
आखिर शरद पवार का बयान क्या था..
असल में शरद पवार ने अपने बयान में आरएसएस की कार्यप्रणाली और उसकी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता की तारीफ की. उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता अपनी विचारधारा के प्रति जिस निष्ठा के साथ काम करते हैं, वह उनकी सबसे बड़ी ताकत है. पवार ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी राजनीतिक शक्ति को समझने के लिए उसकी मूल विचारधारा का अध्ययन करना जरूरी है, और आरएसएस इस मामले में एक विशिष्ट संगठन है.
फडणवीस की प्रतिक्रिया.. चाणक्य का संदर्भ
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार के इस बयान को राजनीति की चाणक्य नीति से जोड़ते हुए कहा कि पवार के बयान का विश्लेषण उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है. फडणवीस ने कहा कि शरद पवार साहब ने निश्चित रूप से इस पहलू का अध्ययन किया होगा कि आरएसएस केवल एक राजनीतिक शक्ति नहीं, बल्कि एक राष्ट्रवादी आंदोलन है. उन्होंने यह भी कहा कि इसे ऐसे समझना चाहिए कि राजनीति में हर पक्ष का महत्व समझा जाना चाहिए.
'फर्जी विमर्श' पर फडणवीस का कटाक्ष
फडणवीस ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में महा विकास आघाडी (एमवीए) ने भाजपा के खिलाफ एक फर्जी विमर्श खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने दावा किया कि आरएसएस की विचारधारा से प्रेरित लोगों ने इस फर्जी विमर्श को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि आरएसएस के विचार परिवार के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने इस विमर्श का प्रभाव खत्म कर दिया, और परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित हुई.
महाराष्ट्र के बदलते समीकरण..
राजनीतिक एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि शरद पवार का यह बयान और फडणवीस की प्रतिक्रिया महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले बदलते राजनीतिक समीकरणों का संकेत हो सकते हैं. जहां एक तरफ उद्धव की शिवसेना पहले ही विपक्षी गठबंधन से अलग चलने की राह देख चुकी है तो वहीं अब शरद पवार के नरम तेवर काफी कुछ कह रहे हैं.