Shehzad Poonawala: शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अपने जमीनी नेताओं की कद्र नहीं है. एक तरफ अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल सरकार पर गरज रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रताप सिंह बाजवा पंजाब सरकार पर. ये लोग राहुल गांधी की भाषा नहीं बोल रहे कहीं इनका हाल राजेंद्र गुढ़ा की तरह ना हो जाए.
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कांग्रेस पार्टी खुद से संघर्ष कर रही है. अपने नेताओं से लड़ रही है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि एक तरफ अधीर रंजन चौधरी मालदा मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो दूसरी तरफ पंजाब में प्रताप सिंह बाजवा आप सरकार पर बरस रहे है. हकीकत यह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपने जमीनी नेताओं को उपेक्षा के भाव से देखती रही है. हालात यह है कि अभी तक शीर्ष नेतृत्व ममता बनर्जी के खिलाफ एक लफ्ज बोलने का साहस तक नहीं जुटा पाया है. आश्चर्य की बात नहीं कि अधीर रंजन चौधरी अपनी कुर्सी ना गंवा बैठे जिस तरह से राजस्थान में राहुल गांधी की स्क्रिप्ट ना बोलने की वजह से राजेंद्र गुढ़ा की गहलोत सरकार से रुखसती हो गई.
मालदा प्रकरण पर बीजेपी-टीएमसी में वाकयुद्ध
पूनावाला का यह ट्वीट पश्चिम बंगाल के मालदा में कपड़े उतारने की घटना पर बीजेपी और टीएमसी के बीच वाकयुद्ध के बीच आया है। ऑनलाइन सामने आए एक वीडियो में शनिवार को मालदा के एक गांव के बाजार में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके साथ मारपीट करते देखा गया। घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि एक उन्मादी भीड़ उनके खून के लिए तरस रही थी.यह एक ऐसी त्रासदी थी जिससे ममता बनर्जी का दिल टूट जाना चाहिए था और वह केवल आक्रोश जताने के बजाय कार्रवाई कर सकती थीं, क्योंकि वह बंगाल की गृह मंत्री भी हैं.
बंगाल से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी. चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है और मालदा की घटना से यही पता चलता है। सिर्फ मालदा ही नहीं बल्कि बंगाल के कई अन्य स्थानों पर पंचायत चुनावों के बाद अत्याचार हुए हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध दुखद है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. इस बीच, 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के विचार को खारिज करते हुए, कांग्रेस नेता पंजाब प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस बड़े अंतर से वापस आएगी। एक गठबंधन का नेतृत्व बीजेपी और दूसरे का कांग्रेस कर रही है, इसलिए जब लोग अपना वोट डालेंगे तो वह या तो बीजेपी के लिए होगा या कांग्रेस के लिए। AAP का कहीं कोई जिक्र नहीं है। हमें AAP के साथ गठबंधन क्यों करना चाहिए?"एएनआई ने बाजवा के हवाले से कहा कि वो सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे और आम आदमी पार्टी के के साथ गठबंधन नहीं करने की अपील करेंगे.