Milkipur Upchunav Result: मिल्कीपुर को जीतने के लिए बीजेपी ने माइक्रो मैनेजमेंट की रणनीति अपनाई है. जिसमें बूथ लेवल पर टोली बनाकर जनता से सीधा संवाद किया...
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Milkipur Upchunav Result 2025: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर आरक्षित विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे कुछ देर में साफ हो जाएंगे. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच माना जा रहा था. राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के लिए ये चुनाव नाक की लड़ाई बन चुका था. अब स्थिति साफ हो चुकी है. इस सीट के लिए बीजेपी ने बहुत प्लानिंग की. सीएम योगी ने पांच मंत्रियों को इस जीत को सुनिश्चितक करने के लिए चुनावी रण में उतारा.
कैबिनेट के पांच मंत्रियों को जिम्मेदारी
योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के पांच मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. जिन मंत्रियों को मिल्कीपुर की कमान सौंपी गई, उनमें स्वतंत्रदेव सिंह, जेपीएस राठौर, डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा थे. कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री हैं. इन मंत्रियों ने बीजेपी की जीत के लिए काफी जद्दोजहद की. सीएम योगी के द्वारा दिए गए प्लान के मुताबिक कार्य किए. इन 6 मंत्रियों के अलावा सीएम योगी और दोनों उप मुख्यमंत्री भी लगातार इस विधानसभा क्षेत्र में दौरा करते रहे. सीएम योगी ने लगातार कार्यकर्ताओं से संवाद किया और उन्हें जीत का मंत्र भी दिया.
स्वतंत्रदेव सिंह- यूपी के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मिल्कीपुर में जमकर पसीना बहाया. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि मिल्कीपुर में चुनाव एकतरफा है, जनता जनार्दन ने मन बना लिया है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी का कमल खिलना चाहिए. स्वतन्त्र देव सिंह भारत के एक राजनेता हैं. वे भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष हैं. वर्तमान में ये उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं इसके अलावा वे उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन, प्रोटोकॉल एवं ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रह चुके हैं.
जेपीएस राठौर-मिल्कीपुर की कमान स्वतंत्र के अलावा जेपीएस राठौर को भी सौंपी गई. उन्होंने इसके लिए खूब जनसंवाद किया. कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया और लगातार जनसभाओं में सक्रिय रहे. जयेंद्र प्रताप सिंह राठौर एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं, भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे योगी आदित्यनाथ के दूसरे मंत्रिमंडल में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं.
डॉ. दयाशंकर मिश्रा-योगी के पांच मंत्रियों में डॉ. दयाशंकर मिश्रा भी शामिल हैं. मिल्कीपुर में वह पूरी तरह से एक्टिव रहे. डॉ. दयाशंकर मिश्रा (जन्म 27 जून 1972), जिन्हें दयालु के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो दूसरे योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.
राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह-मयंकेश्वर शरण सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत के तिलोई की 17वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं. वे उत्तर प्रदेश के तिलोई निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं.
सतीश शर्मा- मिल्कीपुर में सतीश शर्मा ने भी खूब दांव पेंच चलाए. कार्यकर्ताओं के साथ लगातार जन संवाद किया. मिल्कीपुर उपचुनाव में अखिलेश यादव से अयोध्या का बदला लेने में उनकी भूमिका भी अहम रही. सतीश चंद्र शर्मा (जन्म 15 फ़रवरी 1983 ) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत के उत्तर प्रदेश के लिए 17वीं और 18वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं.
सूर्य प्रताप शाही-मिल्कीपुर सीट के लिए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जमकर प्रचार किया. प्रचार के आखिरी दिन भाजपा की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने मोर्चा संभाला. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा था कि भाजपा भारी अंतर से चुनाव जीतने जा रही है.
क्या था बीजेपी मिशन मिल्कीपुर- बीजेपी मिल्कीपुर के लिए कितनी गंभीर थी कि इस बात से समझा जा सकता है कि नवंबर में नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों को उतारा था.वहीं मिल्कीपुर के लिए बीजेपी ने पांच मंत्रियों को उतारा. सीएम योगी खुद इस सीट की समीक्षा कर रहे हैं. सीएम योगी ने कई बार मिल्कीपुर का दौरा किया. सीएम योगी लगातार इस सीट पर नजर बनाए हुए थे. जिन मंत्रियों को इस सीट की जिम्मेदारी दी गई उनके साथ लगातार बैठक करते रहे.
माइक्रो मैनेजमेंट की रणनीति-बीजेपी की रणनीति-बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए माइक्रो मैनेजमेंट की रणनीति अपनाई. जिसमें बूथ लेवल पर टोली बनाकर जनता से सीधा संवाद और जनसंपर्क करने पर जोर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि वे हर बूथ से लेकर गांव-गांव जाकर जनता से संवाद और संपर्क करें और सरकार की नीतियों के बारे में समझाएं. बीजेपी की इस रणनीति का मकसद 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर हार का बदला लेना है. उस समय समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अवधेश प्रसाद अयोध्या सीट से सांसद चुने गए.
सपा ने भी लगाया था पूरा ज़ोर
सपा ने भी अपने स्टार प्रचारकों को यहां उतारा था. खुद सांसद अवधेश प्रसाद अपने उम्मीदवार बेटे के लिए यहां पर कई महीने से डेरा जमाए रखा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और सांसद डिंपल यादव, आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव यहां सभाएं और रोड शो किए. क्रिकेटर रिंकू सिंह की होने वाली पत्नी और मछली शहर से सांसद प्रिया सरोज ने भी रोड शो किया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तीन फरवरी को रोड शो और जनसभा की.