Uttarakhand CM Exclusive Interview: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खेलकुंभ पर चर्चा करते हुए राज्य में रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स के बढ़ते क्रेज का ज़िक्र किया. इस दौरान उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को भी लेकर अपनी बातों को रखा.
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CM Pushkar Singh Dhami Exclusive Interview: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को खेलकुंभ पर संवाद करते हुए जी न्यूज को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. उन्होंने टनकपुर में रिवर रॉफ्टिंग को प्रोत्साहन का जिक्र करते हुए बताया कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में उत्तराखंड ने बेहतरीन तरीके से मेजबानी की है.राज्य में रिवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, बंजी जंपिंग, ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर गेम्स का क्रेज लगातार बढ़ रहा है.
चंपावत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
सीएम धामी ने कहा, चंपावत जिले को 38वें राष्ट्रीय खेलों में राफ्टिंग डेमो प्रतियोगिता आयोजित करने का अवसर मिला है. इससे स्थानीय लोग बेहद उत्साहित हैं. यह प्रतियोगिता 8 फरवरी को टनकपुर स्थित पूर्णागिरी मंदिर के चरण मंदिर क्षेत्र से शुरू और बूम क्षेत्र में समाप्त होगी. इस आयोजन से चंपावत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की उम्मीद है.
उत्तराखंड का विकास और रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विकास के नए अवसर खुल रहे हैं. पर्यटन और खेलों के साथ-साथ, सरकार राज्य में रोजगार के नए साधन उपलब्ध करा रही है। सेव की खेती, संतरे की उत्पादन क्षमता, होम स्टे व्यवसाय, अचार और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं. सरकार ने महिलाओं के लिए भी विशेष योजनाएं लागू की हैं, जिससे हजारों बहनें आत्मनिर्भर बनी हैं. 2023-2024 में विभिन्न सहायता योजनाओं के तहत जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता दी गई है.
महाकुंभ 2027 की तैयारियां
हरिद्वार में 2027 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार की व्यवस्था पहले से बेहतर होगी, जिसमें पर्यटकों के लिए होटल, रेस्टोरेंट और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
समान नागरिक संहिता (UCC) और सामाजिक सुधार
उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में लिखा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून होना चाहिए. तीन तलाक, हलाला जैसी प्रथाओं पर रोक लगाकर सरकार समाज में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है.
लिव-इन रिलेशनशिप पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है, लेकिन यदि कोई इस रिश्ते में रहना चाहता है तो उसे अपने माता-पिता को सूचित करना होगा. सरकार इसे सामाजिक मान्यता नहीं देगी, लेकिन समाज में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाएं रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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