पाताल लोक में नहीं समाईं सरस्वती, प्रयागराज के इस पौराणिक कुएं में आज भी है अस्तित्व
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2628344

पाताल लोक में नहीं समाईं सरस्वती, प्रयागराज के इस पौराणिक कुएं में आज भी है अस्तित्व

Mahakumbh 2025: ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि सरस्वती नदी अब भूमि (पाताल लोक) में समा चुकी है. इसका कोई आस्तित्व नहीं है. लेकिन प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले अभी भी सरस्वती नदी के दर्शन कर सकते हैं. संगम के पास प्रयागराज किले के भीतर सरस्वती कूप है जिसका रहस्य वैज्ञानिकों को भी हैरान कर चुका है.

पाताल लोक में नहीं समाईं सरस्वती, प्रयागराज के इस पौराणिक कुएं में आज भी है अस्तित्व

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर मोक्ष की कामना कर रहे भक्तों का एक और पावन स्थल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और वो है सरस्वती कूप.  यह रहस्यमयी स्थल मां सरस्वती के जल के प्रत्यक्ष दर्शन के लिए जाना जाता है और श्रद्धालु यहां आकर इस जल का आचमन कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं.

सरस्वती कूप का रहस्य ?
प्रयागराज किले के भीतर स्थित सरस्वती कूप को अदृश्य सरस्वती नदी का गुप्त स्रोत माना जाता है. मान्यता है कि यह कूप सीधे भूमिगत जलधारा के माध्यम से संगम त्रिवेणी से जुड़ा हुआ है.  2016 में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया. इस अध्ययन के लिए इस कुएं के जल में रंग डालकर सिद्ध किया गया कि इसका जल संगम में प्रवाहित होता है.  

पौराणिक मान्यता 
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि वेदव्यास जब 18 पुराणों की रचना कर रहे थे, तो मां सरस्वती की प्रबल जलधारा की ध्वनि के कारण भगवान गणेश को सुनने में कठिनाई हुई. तब भगवान शिव के आदेश पर मां सरस्वती को पाताल लोक की ओर प्रवाहित होने के लिए कहा गया। हालांकि, जब वे प्रयागराज पहुंचीं, तो भगवान विष्णु के अवतार वेणी माधव ने उन्हें संगम में विलीन होने के लिए राजी किया. यही कारण है कि सरस्वती कूप को मां सरस्वती के अदृश्य प्रवाह का प्रमाण माना जाता है.

महाकुंभ में आस्था और श्रद्धा का नया केंद्र
महाकुंभ में आए श्रद्धालु अब सिर्फ संगम स्नान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सरस्वती कूप जाकर मां सरस्वती के दिव्य जल के दर्शन कर इस अनूठे आध्यात्मिक अनुभव का लाभ उठा रहे हैं. पुरोहितों और विद्वानों के अनुसार, इस पावन जल का आचमन करने से मन को शुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है. महाकुंभ के इस विशेष अवसर पर, यह स्थल आस्था, शोध और आध्यात्मिकता का संगम बन गया है.

उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Prayagraj Mahakumbh News और पाएं हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड !

Trending news