UP Flood : यूपी के कई जिलों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. इससे NDRF एक्टिव हो गया है. गाजियाबाद में एनडीआरएफ के जवानों ने 40 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया. फर्रुखाबाद में प्रशासन की ओर से चौखंडा और चिलसरा में राहत कैंप बनाया गया है.
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लखनऊ: प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है. राज्य के 13 जिलों आगरा, अलीगढ, बिजनौर, बदायूं, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शाहजहाँपुर और शामली के लगभग 400 गांव में लोग बाढ़ की चपेट में हैं. राहत आयुक्त नवीन कुमार ने कहा कि राज्य में सभी तटबंध फिलहाल सुरक्षित हैं. प्रशासन की लगातार इन पर नजर बनी हुई हैं.
यमुना के बाद गाजियाबाद में हिंडन नदी का वाटर लेवल बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे रिहाइशी इलाकों में बाढ़ का खतरा है. सिटी फॉरेस्ट और अटौर गांव में 5-5 फुट तक नदी का पानी घुस आया है. शुक्रवार देर रात बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ द्वारा राहत एवं बचाव कार्य चलाया गया. एनडीआरएफ के जवानों ने 40 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया. फर्रुखनगर इलाके के नंगला अटौर गांव में शुक्रवार को एकाएक बाढ़ का पानी आबादी की ओर बढ़ने लगा.
प्रदेश में बाढ़ के हालात होने पर जनजीवन को कोई नुकसान ना हो इसके लिए बचाव तेज कर दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश दैवीय आपदा प्रबंधन समिति ने इसके लिए बाढ़ प्रभावित होने वाले स्थानों पर जाकर जरूरी कदम उठाए हैं. इसी के साथ यूपी सरकार उन स्थानों को भी चिन्हित कर रही है, जहां पर बाढ़ के दौरान पीडब्ल्यूडी की सड़कें बह जाती है, ऐसी सड़कों को मजबूत आरसीसी रोड में तब्दील किया जाएगा. इसी के साथ जहां पुल क्षतिग्रस्त या टूट गए हैं उन स्थानों पर नए पुल का निर्माण किया जाएगा.
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इन जिलों में बाढ़ का आंशिक खतरा
लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, बलिया के साथ आंशिक अयोध्या को भी बाढ़ प्रभावित होने वाले क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है. ऐसे क्षेत्रों में बाढ़ की हालत पर किसानों को मुहआवजा देने और मवेशियों की सुरक्षा के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसके लिए राज्य भर में 18 राहत शिविर बना दिए गए हैं. इन क्षेत्रों में सहायता चौकी की स्थापना के साथ लोगों को बचाने के लिए गोताखोरों नियुक्त किए गए हैं.
फर्रुखाबाद में गंगा का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए हैं. कुड़री सारंगपुर, आशा की मड़ैया, उदयपुर, कंचनपुर सबलपुर, तीसराम की मड़ैया, मंझा, कालिका नगला, रामप्रसाद नगला, कछुआगाड़ा, हरसिंहपुर कायस्थ, नगरिया जवाहर में पानी भर चुका है. एसडीएम ने बताया कि राजस्व टीम ग्रामीण इलाकों पर नजर रखे है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में नाव भिजवाई जा रही हैं. शमशाबाद के कमथरी में पानी भर जाने से तीन नाव लगाकर लोगों को निकाला जा रहा है. सैदपुर पिस्तार और बासंखेड़ा में भी यही हालात हैं. प्रशासन की ओर से चौखंडा और चिलसरा में राहत कैंप बनाया गया है.
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