स्कूलों में लौटी रौनक: भीषण गर्मी के बीच UP में आज से खुले परिषदीय स्कूल, चुनौतियां भी बेशुमार
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स्कूलों में लौटी रौनक: भीषण गर्मी के बीच UP में आज से खुले परिषदीय स्कूल, चुनौतियां भी बेशुमार

बच्चों के लिए स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक निर्धारित किया गया है.... शिक्षकों को डेढ़ बजे तक स्कूल में ही रहना होगा.... कोविड के 2 साल बाद स्कूल खुल रहे हैं....स्कूलों में भोजन की भी व्यवस्था होगी. 20 मई से 15 जून तक स्कूल की छुट्टी थी.

स्कूलों में लौटी रौनक: भीषण गर्मी के बीच UP में आज से खुले परिषदीय स्कूल, चुनौतियां भी बेशुमार

लखनऊ: यूपी में गर्मी की छुट्टियों के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय 16 जून यानि आज से खुल गए हैं. बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बृहस्पतिवार से पठन पाठन शुरू हो गया.  बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी सारी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली. बताया जा रहा है कि विद्यालयों में बच्चों का स्वागत किया जाएगा और सजावट कर अच्छा माहौल भी दिया जाएगा.  

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शिक्षकों की उपस्थिति की पड़ताल करेंगे अधिकारी
शिक्षा महकमे के बड़े अधिकारी दौरे पर निकलेंगे, साथ ही जिला और ब्लाक स्तरीय टीमें बनाई गई हैं. वे विद्यालयों का निरीक्षण करने के साथ मध्यान्ह भोजन की नियमित व्यवस्था, शिक्षकों की उपस्थिति की पड़ताल की जाएगी. बच्चों के लिए स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक निर्धारित किया गया है. शिक्षकों को डेढ़ बजे तक स्कूल में ही रहना होगा. कोविड के 2 साल बाद स्कूल खुल रहे हैं.स्कूलों में भोजन की भी व्यवस्था होगी. 20 मई से 15 जून तक स्कूल की छुट्टी थी.

स्कूल खुलने से पहले की गई पड़ताल
जौनपुर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप प्राथमिक विद्यालय में कक्षाएं 16 जून से शुरू हो रही हैं. ऐसे में इन बच्चों को पढ़ने के लिए जिला प्रशासन कितना तैयार है इसके बारे में जांच पड़ताल की गई. साफतौर से दिखा कि जिला प्रशासन द्वारा छात्र छात्राओं को पढ़ने के लिए अभी पुरानी किताबें ही उपलब्ध हो पाएंगी. नई किताबें अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी. साथ ही छात्र-छात्राओं की खाते में भेजने जाने वाला पैसा भी पूर्व वित्तीय वर्ष का जा चुका है. वर्तमान वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है.

इस साल सभी विद्यालय 15 दिन पूर्व ही खुल रहे हैं. भीषण गर्मी और ग्रामीण अंचलों में हो रही बिजली की कटौती स्कूलों में नौनिहालों के साथ ही शिक्षकों का भी कड़ी परीक्षा लेगी. इसके साथ ही पाठ्य पुस्तकों का न मिलना और छह महीने से अटकी मिड डे मील की कंवर्जन कॉस्ट शिक्षकों को न मिलने के साथ ही कक्षाओं के संचालन में मिड डे मील की कमी तमाम चुनौतियां सामने आएंगी.

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