गोरखपुर कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने इस मसले पर कहा कि ये कन्फर्म नहीं कहा जा सकता है कि इस चूक की वजह से ही संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव हुआ हो क्योंकि कोरोना के लक्षण तुरंत नहीं दिखते और ना ही रिपोर्ट में तुरंत पता चलता है.
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गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नाम की गफलत में हुई चूक एक युवक की जिंदगी पर भारी पड़ गई है. कोरोना नेगेटिव युवक को Covid-19 वाले वॉर्ड में रखने की वजह से अब वो संक्रमित हो गया है.
दरअसल, बीते गुरुवार को चार लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. मिलते-जुलते नाम होने की वजह से एक नेगेटिव रिपोर्ट वाले युवक को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेडिकल कॉलेज के कोरोना वॉर्ड में भर्ती करा दिया और कोरोना संक्रमित मरीज को टीबी अस्पताल के क्वॉरंटाइन सेंटर में ही छोड़ दिया. विभाग को अपनी इस गलती का एहसास 20 घंटे बाद हुआ, जिसके बाद नेगेटिव रिपोर्ट वाले युवक को वापस टीबी अस्पताल में क्वॉरंटाइन कराया गया और पॉजिटिव को मेडिकल कॉलेज के कोरोना वॉर्ड में भर्ती कराया.
जानकारी के मुताबिक, कोरोना नेगेटिव रहा युवक गुरुवार को केवल कोविड-19 वॉर्ड में ही नहीं गया, बल्कि 3 संक्रमितों के साथ एंबुलेंस में बैठकर वॉर्ड तक लाया गया और शुक्रवार शाम तक बीआरडी अस्पताल में बने वॉर्ड में रहा. इसके बाद से ही उस पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा था. आईसोलेशन वॉर्ड में रखे गए युवक का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को दोबारा सैंपल जांच के लिए भेजा. अब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वॉर्ड में भेज दिया गया है.
उधर, गोरखपुर कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने इस मसले पर कहा कि ये कन्फर्म नहीं कहा जा सकता है कि इस चूक की वजह से ही संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव हुआ हो क्योंकि कोरोना के लक्षण तुरंत नहीं दिखते और ना ही रिपोर्ट में तुरंत पता चलता है. इस मामले में जांच बैठा दी गई है. साथ ही कड़ी चेतावनी दी गई कि इस तरह की गलतियां बिल्कुल न हो. नाम को लेकर इस तरह की त्रुटि हुई थी.