Meerut Latest News: भारत में भ्रूण लिंग जांच गैरकानूनी है. यदि कोई इसकी जांच कराता या करवाता पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. आपको बता दें कि मेरठ में भ्रूण लिंग जांच के अवैध धंधे का बड़ा खुलासा हुआ है. आइए जानते हैं कैसे हुआ इसका पर्दाफाश...
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Meerut Hindi News: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर बुधवार को भ्रूण लिंग जांच के अवैध धंधे का बड़ा खुलासा हुआ है. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गढ़ रोड स्थित ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा मारकर डॉ. छवि बंसल को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. साथ ही सेंटर के कर्मचारी और दलालों को भी हिरासत में लिया गया. इस गिरोह का तरीका बेहद शातिराना था. पहले पर्ची कटवाकर सामान्य अल्ट्रासाउंड कराया जाता, फिर गुप्त रूप से भ्रूण के लिंग की जानकारी दी जाती और इसके बदले गर्भवती महिलाओं से मोटी रकम वसूली जाती थी.
तीन महीने से चल रही थी निगरानी
स्वास्थ्य विभाग को तीन महीने पहले इस सेंटर पर संदेह हुआ था. हरियाणा की टीम ने मंगलवार को कलक्ट्रेट में भ्रूण लिंग जांच पर प्रजेंटेशन दिया और फिर सिटी मजिस्ट्रेट की अनुमति से स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर यह कार्रवाई की.
ऐसे हुआ खुलासा
स्वास्थ्य विभाग की टीम का सदस्य अनुज पिछले तीन महीने से इस गिरोह के एजेंट पवन के संपर्क में था. अनुज ने अपनी पत्नी की भ्रूण लिंग जांच कराने की बात कही, जिसके बदले पवन ने 20,000 की मांग की. मंगलवार को अनुज अपनी पत्नी के रूप में एक महिला सहयोगी को लेकर सेंटर पर पहुंचा.
यहां पवन ने अनुज को हेमेंद्र कुमार और अनिल कुमार से मिलवाया, जिन्होंने पैसे लेकर महिला को अंदर भेजा. कुछ देर बाद पवन बाहर आया और बताया कि "रिपोर्ट पॉजिटिव है" यानी भ्रूण का लिंग बता दिया गया. जैसे ही यह कन्फर्म हुआ, टीम ने तत्काल छापा मार दिया और डॉ. छवि बंसल, पवन, हेमेंद्र और अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
डॉक्टरों ने किया विरोध
गिरफ्तारी की खबर मिलते ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के कुछ डॉक्टर थाने पहुंचे और आरोप लगाया कि डॉ. छवि बंसल को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है. आईएमए के सचिव डॉ. सुमित और डॉक्टर तनुराज ने कहा कि डॉ. छवि इस तरह के गैरकानूनी काम में शामिल नहीं हो सकतीं.
डीएम ने दिए सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच के आदेश
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी कार्रवाई के बाद मेरठ प्रशासन भी हरकत में आ गया. डीएम मेरठ ने शुक्रवार को सीएमओ को निर्देश दिया कि पूरे जिले के अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की जाए और यदि कहीं भी लापरवाही या अवैध गतिविधि पाई जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
भ्रूण लिंग जांच पर सख्त कानून
भारत में भ्रूण लिंग परीक्षण कानूनन प्रतिबंधित है, पीसीपीएनडीटी एक्ट (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के तहत भ्रूण लिंग जांच करना और कराना दोनों अपराध हैं, जिसकी सजा तीन से पांच साल की कैद और भारी जुर्माना हो सकता है.
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