Shaniwar Upay: शनि की कुदृष्‍टि से रक्षा करेगा यह चमत्कारिक स्तोत्र, जीवन में सब होगा मंगल ही मंगल
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Shaniwar Upay: शनि की कुदृष्‍टि से रक्षा करेगा यह चमत्कारिक स्तोत्र, जीवन में सब होगा मंगल ही मंगल

Shaniwar ke Upay:शास्त्रों के मुताबिक, इस स्तोत्र को जो भी मनुष्य, देव, सिद्ध विद्वान, असुर पढ़ेगा, उसे शनि के कारण कोई बाधा नहीं होगी. शनिवार को शनि स्तोत्र का पाठ करने से शनि के कोप से मुक्‍ति मिलती है.

 

Shaniwar ke Upay

Shaniwar Upay: आज 16 सितंबर दिन शनिवार है. हिंदू धर्म में यह दिन न्याय के देवता शनि को समर्पित माना जाता है. इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अगर शनिदेव अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं, तो जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता. सब मंगल ही मंगल होता है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई उपाय भी करते हैं. अगर आप भी शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो शनि स्तोत्र का पाठ करें. इससे शनि की कुदृष्‍टि से रक्षा हो सकती है. इसके लिए शाम को किसी शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. 

शनि स्तोत्रम्
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु मे सौरे वारदो भव भास्करे।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।।

इन मंत्रों का भी करें जाप 

शनिदेव मूल मंत्र:
ॐ शं शनैश्चराय नमः॥
इस मंत्र के जाप से भगवान शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जातक को उनका विशेष स्नेह प्राप्त होता है. 

श्री शनिदेव ग्रह शांति मंत्र:
ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥
इस मंत्र के जाप से साढ़े साती का दोष दूर होता है. जातक को शनि महामंत्र का जाप करने से जरूर लाभ मिलता है. 

शनिदेव गायत्री मंत्र:
ॐ काकध्वजाय विद्महे,
खड्गहस्ताय धीमहि, तन्नो मन्दः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र के जाप से श्री शनिदेव जी की कृपा से जीवन में आ रही तकलीफों से मुक्ति मिलती है. 

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