महाशिवरात्रि से पहले बदल गए काशी विश्वनाथ मंदिर के ये नियम, बाबा के भक्त पढ़ें आरती की नई टाइमिंग के साथ ये जरूरी बात
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महाशिवरात्रि से पहले बदल गए काशी विश्वनाथ मंदिर के ये नियम, बाबा के भक्त पढ़ें आरती की नई टाइमिंग के साथ ये जरूरी बात

Kashi Vishwanath Temple New Rules:हाकुंभ में स्नान के बाद अगर आप भी वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको काशी विश्वनाथ मंदिर की नई गाइडलाइन को जान लेना चाहिए.

 Kashi Vishwanath Temple New Rules

Kashi Vishwanath Temple New Rules: काशी में भक्तों का हुजूम उमड़ाहुआ है. महाकुंभ स्नान के बाद भक्त यहां का रूख कर रहे हैं. महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को है.आप भी इस पर्व पर काशी जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए ये खबर काम की है.  प्रयागराज महाकुंभ के बाद महाशिवरात्रि में बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए अखाड़ों के साथ नागा साधु वाराणसी पहुंच रहे है. वही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ की होने वाली आरती के समय में परिवर्तन किया है.  श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पर महाशिवरात्री के उपलक्ष्य पर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं के वाराणसी पहुंचने का अनुमान है.

पूजा-आरती के लिए समय सारिणी
दरअसल,  श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने दिनांक 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा-आरती के लिए समय सारिणी निर्धारित कर दी है‌. वाराणसी में श्रद्धालुओं की अनुमानित भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने बताया कि महाशिवरात्रि पर प्रातः 3:15 बजे मंगला आरती समाप्त होने के बाद प्रातः 3:30 बजे से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएगा.  महाशिवरात्रि पर रात  में होने वाली चारों पहर की आरती के दौरान भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव का झांकी दर्शन सतत चलता रहेगा.  महाशिवरात्रि पर्व पर होने वाली पूजा आरती की समय- सारणी निम्नलिखित है.

इस बारे में मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने जानकारी देते हुए बताया है कि महाशिवरात्रि पर प्रातः 3:15 बजे मंगला आरती समाप्त होने के बाद प्रातः 3:30 बजे से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएगा. महाशिवरात्रि पर रात्रि में होने वाली चारों पहर की आरती के दौरान भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव का झांकी दर्शन सतत चलता रहेगा. 

महाशिवरात्रि पर्व पर होने वाली पूजा आरती की समय-सारणी
1: मंगला आरती
प्रातः 2:15 बजे पूजा शुरू होगी.
प्रातः 3:15 बजे आरती खत्म होगी.
प्रातः 3:30 बजे मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएगा.

2: मध्याहन भोग आरती
प्रातः 11:40 बजे पूजा आरम्भ होगी.
मध्यान्ह् 12:20 बजे पूजा समाप्त होगी.

3: चारों प्रहर की आरती
प्रथम प्रहर- रात 9:30 बजे शंख बजेगा और पूजा की तैयारी होगी तथा झांकी दर्शन निरंतर चलता रहेगा.रात 10:00 बजे से आरती शुरू होगी जो रात 12:30 बजे समाप्त हो जाएगी.
द्वितीय प्रहर- रात्रि 01:30 बजे से आरती प्रारम्भ होकर रात्रि 02:30 बजे समाप्त होगी तथा झांकी दर्शन निरंतर चलता रहेगा.
तृतीय प्रहर- भोर में 03:30 बजे से आरती शुरू होकर प्रातः 04:30 बजे समाप्त होगी तथा झांकी दर्शन निरंतर चलता रहेगा.
चतुर्थ प्रहर- प्रातः 05:00 बजे से आरती प्रारम्भ होकर प्रातः 06:15 बजे खत्म होगी तथा झांकी दर्शन निरंतर चलता रहेगा.

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दिन में होती हैं पांच आरती

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हर रोज बाबा विश्वनाथ की पांच आरती होती हैं. सुबह में होने वाली मंगला आरती से बाबा विश्वनाथ को जगाया जाता है मंदिर के कपाट खोले जाते हैं. दोपहर में भोग आरती, शाम में सप्तऋषि होती है, फिर श्रंगार आरती के दौरान भक्त बाबा का गंगाजल, दूध, दही और अन्य चीजों से स्नान कराकर श्रंगार किया जाता है. फिर रात में होने वाली शयन आरती से भगवान को भक्त सुलाते हैं. इसके अलावा महाशिवरात्रि पर होने वाली सप्तऋषि आरती को इस बार केंसिल किया गया है. वहीं, महाशिवरात्रि पर मंदिर के कपाट खुले रहेंगे, लेकिन अगले दिन होने वाली मंगल आरती नहीं होगी.

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