Hardoi News: हरदोई में पूर्व मंत्री नकुल दुबे समेत कांग्रेसियों को नजरबंद करने का आरोप है. सभी कांग्रेसी राहुल गांधी के साथ असम में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन करने वाले थे.
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हरदोई/आशीष द्विवेदी: हरदोई में मंगलवार को पूर्व मंत्री नकुल दुबे समेत कांग्रेस नेताओं को पुलिस द्वारा नजरबंद करने का आरोप लगा है. जानाकारी के मुताबिक, गांधी भवन के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए. वहीं, मेन गेट पर ताला लगा दिया गया. पूरे मामले के बाद कांग्रेस समर्थकों में आक्रोश है. वहीं कांग्रेसी इस कार्रवाई के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
दरअसल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी हरदोई द्वारा गांधी भवन सभागार में संवाद व कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि मंत्री नकुल दुबे और प्रदेश महासचिव अवध जोन प्रभारी महासचिव पूर्व विधायक राकेश राठौर, प्रदेश सचिव हरदोई कांग्रेस प्रभारी सुरेंद्र कुशवाहा भी मौजूद रहे. पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसियों द्वारा असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमला किये जाने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया. सभी नेता गांधी भवन से अम्बेडकर पार्क तक विरोध मार्च निकालकर प्रदर्शन करना चाहते थे. मगर तानाशाही सरकार बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण तक करने नहीं देना चाहती थी. इसलिए कांग्रेसियों को गांधी भवन में नजरबंद कर दिया गया. जिसका कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया. बाद में प्रशासन ने केवल चार-पांच लोगों को अनुमति नहीं दी. लिहाजा उन्होंने आकर माल्यार्पण किया.
कार्यक्रम के बाद पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहा कि देश और पूरा प्रदेश का चैन से सड़कों पर चलना दूभर हो गया है. हम लोग बहुत शांतिपूर्ण ढंग से गांधी भवन से बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण करने आना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन के दबाव के कारण हम लोगों को अनुमति नहीं दी गई. विरोध के बाद पूर्व विधायक राकेश राठौर, सुरेंद्र कुशवाहा, मंजू मित्रा, विक्रम पांडेय लोगों को अनुमति दी गई कि हम चार-पांच लोग जाकर माल्यार्पण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण कर हम संकल्प दोहरा रहे हैं कि जब तक शरीर में सांस और खून का कतरा है हम अपने संविधान को कतई मिटने नहीं देंगे. संविधान को मिटाने वाले इस देश को छोड़कर जाएंगे.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि तानाशाही की जा रही है. अगर इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर भी रोक लगाई जाएगी तो निश्चित रूप से लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी. अगर देश को बचाना है तो हम सभी को इस युद्ध को थामना होगा. संविधान बचाने का कार्य करना होगा. आज हम लोग यहां पर संवाद और बातचीत के लिए एकत्रित हुए थे. असम में राहुल गांधी जी की यात्रा में व्यवधान डालने के मामले का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए थे, लेकिन हम लोगों को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान उन्हें जिला प्रशासन द्वारा नजरबंद कर दिया गया.