Milkipur Byelection 2025: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार का शोर आज शाम खत्म हो जाएगा. इससे पहले आज भी सियासी सरगर्मियां बढ़ी रहेंगी. आइए जानते हैं मिल्कीपुर सीट के सियासी समीकरण क्या रहे हैं.
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Milkipur Bypoll 2025: अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है. सीट पर कौन परचम लहराएगा इसका फैसला तो परिणाम आने के बाद ही चल पाएगा लेकिन सपा और बीजेपी ने इलेक्शन कैंपन के जरिए पूरी ताकत झोंक दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को एक दूसरे पर जमकर सियासी तीर चलाए. आज भी सियासी सरगर्मियां बढ़ी रहेंगी. अखिलेश यादव मिल्कीपुर में रैली करेंगे. जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने पहुंचेंगे.
'नाक की लड़ाई' बनी मिल्कीपुर सीट
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट जीतने सपा और बीजेपी दोनों जोर लगा रहे हैं. बीजेपी इसे जीतकर अयोध्या में लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर सपा यह संदेश देना चाहती है कि फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली जीत तुक्का नहीं थी. 2027 विधानसभा चुनाव के लिए भी यहां जीत हार का परिणाम दोनों दलों के लिए खास छाप छोड़ने वाला साबित होगा. यहां के परिणाम का हवाला देकर एकदूसरे पर आने वाले चुनावी समर में हमला बोला जाएगा.
आसान नहीं मिल्कीपुर का किला भेदना
मिल्कीपुर में सपा को पटखनी देना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. इस सीट पर अब तक हुए 17 चुनाव (दो उपचुनाव भी शामिल) में सबसे ज्यादा 5 बार सपा जीती है. वहीं बीजेपी को केवल दो बार ही जीत मिली. मिल्कीपुर का किला भेदने के लिए सबसे बड़ा फैक्टर यहां के जातीय समीकरण है. यही वजह है कि बीजेपी ने बाबा गोरखनाथ की जगह दलित समाज से आने वाले चंद्रभान पासवान को टिकट देकर बड़ा दांव चला है. पासवान 2022 विधानसभा चुनाव में भी मजबूती से दावेदारी पेश कर चुके हैं लेकिन मौका नहीं मिला. उपचुनाव में फिर उन्होंने मौका मांगा, जिस पर पार्टी ने हरी झंडी दिखाई है.
क्या हैं मिल्कीपुर के जातीय समीकरण
मिल्कीपुर में पासी समाज सबसे ज्यादा है. 1991 से अब तक हुए चुनाव में मिल्कीपुर में केवल दो बार बीजेपी को जीत मिली है. यहां 55 हजार पासी, 1 लाख 20 हजार अन्य दलित (कोरी व अन्य) हैं. इसके अलावा 55 यादव वोटर हैं. ब्राह्मण वोटर 60 हजार, ठाकुर 20 हजार और ओबीसी वोटर 50 हजार हैं.
सीएम योगी नें संभाली कमान, उतरा यादव कुनबा
मिल्कीपुर सीट की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अपने हाथों में ले रखी है. यही नहीं कई मंत्रियों की ड्यूटी यहां लगाई गई है. बीजेपी ने बूथ लेवल से लेकर ऊपर तक चुनावी रणनीतियों को धार देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है. तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पीछे नहीं हैं. डिंपल यादव से लेकर धर्मेंद्र यादव तक मुलायम कुनबा चुनावी मोड में दिखा. डिंपल यादव ने सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद के समर्थन में रैली कर माहौल बनाया.
चुनाव प्रचार का आखिरी दिन
मिल्कीपुर उपचुनाव चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी पहुंचेंगे. इनायतनगर के केरला पब्लिक स्कूल में भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ वह बैठक कर चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देंगे. वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी सपा उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाएंगे. मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान पांच फरवरी को होना है. यह सीट यहां से सपा के विधायक रहे अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई थी.
अखिलेश का हमला, योगी का जवाब
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि बीजेपी मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बेईमानी पर उतारू है. कहा कि भाजपा सरकार मिल्कीपुर में हर तरह की साजिश कर रही है तथा प्रशासन द्वारा कोटेदारों और प्रधानों पर दबाव बनाया जा रहा है. अयोध्या में दलित युवती की नृशंस हत्या का मामला उठाते हुए कहा, "दलित बेटी के साथ हुई अमानवीय घटना को लेकर अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद समेत पूरी पार्टी आहत है. पर, भाजपा सरकार में पीडीए के साथ अन्याय, अत्याचार हो रहा है. न्याय नहीं मिल रहा है."
सीएम योगी ने रविवार को सपा पर जोरदार हमला करते हुए उसे ‘‘सनातन विरोधी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि इसे सिर्फ ‘‘गाजी’’ और ‘‘पाजी’’ ही प्यारे हैं. उन्होंने उपचुनाव को 'राष्ट्रवाद बनाम परिवारवाद' का चुनाव करार दिया. उन्होंने अयोध्या के पूरा कलंदर क्षेत्र में हुई बलात्कार घटना के आरोपी सपा नेता मुईद खान और कन्नौज में एक किशोरी से बलात्कार के आरोपी नवाब सिंह यादव का नाम लेते हुए कहा, इन्हें (सपा को) इसी मिल्कीपुर का मुईद खान प्यारा है. इन्हें कन्नौज का नवाब सिंह यादव प्यारा है, जिसने एक बेटी की इज्जत पर हाथ डाला.'