UP Byelection 2024 Female Candidates: उत्तर प्रदेश उपचुनाव की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में कौन जीता कौन हारा, इसका फैसला हो चुका है. सुबह 8 से मतगणना शुरू हो गई है. कटेहरी से सीसामऊ तक 5 ऐसी सीटें थीं, जहां कुल 7 महिला उम्मीदवार भी मैदान में थीं.
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UP Byelection 2024 Female Candidates: उत्तर प्रदेश उपचुनाव की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में कौन जीता कौन हारा, इसका फैसला हो गया है. कटेहरी से सीसामऊ तक 5 ऐसी सीटें थीं, जहां कुल 7 महिला उम्मीदवार भी मैदान में थीं. सीसामऊ में इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी, मीरापुर में सुंबुल राणा कटेहरी में शोभावती वर्मा से लेकर मझवां में सुचिस्मिता मौर्य और ज्योति बिंद का नाम शामिल था. आइए जानते हैं इनमें से किसे जीत मिली है और किसे हार का सामना करना पड़ा.
शोभावती वर्मा - हार
कटेहरी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने शोभावती वर्मा को मैदान में उतारा था. उनको बीजेपी के धर्मराज निषाद ने शिकस्त दी है. वह अंबेडकरनगर के मौजूदा सांसद लालजी वर्मा की पत्नी हैं. इससे पहले वह जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं.
सुचिस्मिता मौर्या - जीत
मझवां सीट से भाजपा ने यहां से सुचिस्मिता मौर्य को उतारा था. उन्होंने चुनाव जीत लिया है. इससे पहले वह 2022 तक इस सीट से विधायक रह चुकी हैं. डॉक्टर विनोद कुमार के भदोही से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी. 2017 में बीजेपी के सिंबल पर पहली बार सुचिस्मिता मौर्य चुनाव लड़ी थीं, और उनको जिताकर जनता ने विधानसभा पहुंचाया था.
ज्योति बिंद - हार
सपा ने मझवा सीट से ज्योति बिंद पर दांव लगाया है. उनको हार का सामना करना पड़ा है. वह मझवा से पूर्व विधायक और भदोही से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी हैं. रमेश बिंद लगातार मझवां विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे चुके हैं.
नसीम सोलंकी - जीत
सपा ने सीसामऊ सीट से नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया था. सपा का यह दांव काम किया है. नसीम सोलंकी ने 8 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता है. उन्होंने बीजेपी के सुरेश अवस्थी को शिकस्त दी. वह सीसामऊ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी हैं. इरफान सोलंकी की विधायकी रद्द होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ. इसे सपा की पारंपरिक सीट माना जाता है.
चारू कैन -हार
सपा ने अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से चारूक कैन पर दांव लगाया था. चारू को चुनाव में हार मिली है. यहां सुरेंद्र दिलेर को जीत मिली है. चारू राजनीतिक परिवार से आती हैं. खैर से उन्होंने 2022 बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि उनको हार का सामना करना पड़ा. कुछ समय पहले वह बसपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उपचुनाव में सपा ने उनको प्रत्याशी बनाया था. अखिलेश ने उन पर जाटलैंड के साथ दलित वोटबैंक को साधने के लिए दांव लगाया था.
मिथिलेश पाल - जीत
मीरापुर सीट से बीजेपी की सहयोगी दल रालोद से मिथिलेश पाल मैदान में थीं. उन पर जनता ने भरोसा जताया है. उनका यह चौथा चुनाव था. जिसमें उनको जीत मिली है. उन्होंने सपा की सुंबुल राणा को पटखनी दी. परिसीमन होने से पहले वह इसी सीट से विधायक बनी थीं. 12 साल बाद दोबारा रालोद ने मीरापुर उपचुनाव में उनको टिकट दिया था.
सुंबुल राणा - हार
सपा ने मीरापुर से सुंबुल राणा को उम्मीदवार बनाया था. उनको हार का सामना करना पड़ा है. यहां से मिथिलेश पाल चुनाव जीती हैं. मेरठ के किठौर से रहने वाली सुंबल राणा राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके ससुर कादिर राणा मुजफ्फरनगर के बड़े मुस्लिम नेता हैं. और बसपा से पूर्व सांसद रह चुके हैं. सुंबुल के मुनकाद अली भी सांसद रह चुके हैं.
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