ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का बड़े पैमाने पर विरोध करने का ऐलान किया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजद्दीदी ने बाकायदा एक लेटर जारी कर मुस्लिमों से इसके खिलाफ व्यापक विरोध करने का आह्वान किया है.
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लखनऊ/विशाल सिंह: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का बड़े पैमाने पर विरोध करने का ऐलान किया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजद्दीदी ने बाकायदा एक लेटर जारी कर मुस्लिमों से इसके खिलाफ व्यापक विरोध करने का आह्वान किया है. मुस्लिमों से विधि आयोग की ओर से मांगे गए सुझावों पर भी अपनी राय रखने को कहा गया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद एक बयान में कहा गया कि हुकूमत धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर चोट पहुंचा रही हैं. अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों से निजी मामलों में उनकी आजादी छीनने का प्रयास हो रहा है. लिहाजा लिंक के माध्यम से जीमेल के जरिये विधि आयोग तक अपनी बात पहुंचाएं.
वहीं पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर हमला बोला है. रजा ने कहा कि ये मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं बल्कि मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड है.मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड होने के नाते ये यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करेगा ही. सभी समाज के साथ मुस्लिम समाज को एक समान अधिकार मिलने से मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड की दुकानें बंद हो रही हैं.
ट्रिपल तलाक समाप्त होने से जिस तरह मुस्लिम समाज की बहनों और बेटियों के पांव में पड़ी जो बेड़ी समाप्त हुई है ये संगठन नहीं चाहते हैं की इस तरह के और क़ानून बनें जिससे मुस्लिम समाज के और अधिकार सुरक्षित होते हों. मगर मैं आश्वस्त करता हूं कि जिस तरह ट्रिपल तलाक कानून आया उसी तरह यूनिफॉर्म सिविल कोड का क़ानून भी देशहित में और जनहित में आएगा
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