Jaunpur News: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को नया कुलपति मिल गया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रोफेसर वंदना सिंह नई कुलपति होंगी. आइए जानते हैं उनके अकादमिक प्रोफाइल के बारे में.
Trending Photos
जौनपुर : वंदना सिंह को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर का कुलपति बनाया गया है. वंदना सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रोफेसर हैं. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 3 साल के लिए उनकी नियुक्ति की है. गुरुवार देर शाम इस बाबत राजभवन में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर बोबडे ने इस बात की जानकारी दी. प्रोफेसर वंदना सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 19वें कुलपति का पदभार जल्द ही संभालेंगी.उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. प्रोफेसर वंदना सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं.
तीन साल 7 दिन रहा कुलपति निर्मला मौर्या का कार्यकाल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्या का कार्यकाल तीन साल सात दिन का रहा. उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय का नैक मूल्यांकन, दंतोपड़ी ठेगड़ी विधि संकाय, इंडोर स्टेडियम, संचार विभाग में साउंड प्रूफ हॉल, अमृत सरोवर आदि काम कराए गए. प्रोफेसर वंदना सिंह 19 वें कुलपति के तौर पर तीन वर्ष के लिए कार्यभार ग्रहण करेंगी. इसी तरह यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर पूनम टंडन को गोरखपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है.
यह भी पढ़ें:Poonam Tandon: कौन हैं पूनम टंडन, जो सीएम योगी की सिटी गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति बनीं
कौन हैं प्रोफेसर पूनम टंडन?
प्रोफेसर पूनम टंडन लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में 2006 से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और लगभग 30 वर्षों से लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य कर रही हैं. इसके साथ ही इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल में उनके 250 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं.प्रोफेसर पूनम टंडन ने कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ काम भी किया है. लखनऊ विश्वविद्यालय में वह डीन स्टूडेंट वेलफेयर और डीन एकेडमिक्स जैसे पदों की जिम्मेदारी दी निभा चुकी हैं. उन्हें यंग साइंटिस्ट अवार्ड, यूजीसी अवार्ड, फुल ब्राइट स्कॉलरशिप, हम बुल्ट अवार्ड और शिक्षक श्री सम्मान भी मिल चुका है.
Watch: Rakshabandhan 2023: राखी 30 अगस्त को या 31 को, जानें कब रहेगा भद्रा काल, इस दौरान क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी