UP Politics : यूपी सांसदों और विधायकों के अयोग्यता के मामले में रिकॉर्ड स्थापित करता दिख रहा है. ऐसे में आइये जानते हैं अब तक किसे अयोग्य किया जा चुका है. सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला को पहले ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है.
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UP Politics : यूपी में अयोग्य होने वाले सांसद और विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है. सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला को अयोग्य घोषित करने के बाद अब कार्रवाई की तलवार बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर लटकती दिख रही है. यूपी सांसदों और विधायकों के अयोग्यता के मामले में रिकॉर्ड स्थापित करता दिख रहा है. ऐसे में आइये जानते हैं अब तक किसे अयोग्य किया जा चुका है.
राशिद मसूद
सितंबर 2013 में, कांग्रेस के राशिद मसूद ने भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी राज्यसभा सीट खो दी थी. इस तरह सीट गंवाने वाले वह पहले सांसद थे.
अफजाल अंसारी
इस कतार में नवीनतम नाम बसपा सांसद अफजाल अंसारी का जुड़ता दिख रहा है. अंसारी को हाल ही में गाजीपुर की एक अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में दोषी ठहराया और 4 साल की जेल की सजा सुनाई है.
आजम खा
अयोग्यता का सामना करने वाले यूपी के विधायकों में सपा के पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान (रामपुर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) शामिल हैं. आजम खान और अब्दुल्ला आजम को इस साल फरवरी में अभद्र भाषा, प्रदर्शन करने और यातायात बाधित करने से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
अब्दुल्ला आजम
अब्दुल्ला आजम यूपी विधानसभा से दो बार अयोग्य हो चुके हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विधानसभा के लिए उनके चुनाव को रद्द करने के बाद उन्हें पहले 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. उनकी पिछली अयोग्यता 16 दिसंबर, 2019 से प्रभावी थी.
विक्रम सैनी
वहीं, भाजपा विधायक विक्रम सैनी (खतौली-मुजफ्फरनगर) ने हाल ही में इसी आधार पर अपनी सदस्यता खो दी थी.
इंद्र प्रताप तिवारी
दिसंबर 2021 में गोसाईंगंज (अयोध्या) के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने 29 साल पुराने फर्जी मार्कशीट मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी सदस्यता खो दी थी.
कुलदीप सेंगर
दिसंबर 2019 में, बांगरमऊ (उन्नाव) से 'निष्कासित' बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की सत्र अदालत द्वारा बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
अशोक सिंह चंदेल
अप्रैल 2019 में हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल ने हमीरपुर जिला अदालत द्वारा 1997 के एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी थी.