Bikru Scandal: अभी हाल ही में कानपुर पुलिस ने विकास दुबे की कृष्णानगर इंद्रलोक कॉलोनी के मकान को जब्त किया था. अब उसी कॉलोनी में रहने वाले उसके भाई दीपक दुबे की संपत्ति को कानपुर पुलिस जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर चुकी है.
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विशाल सिंह/ लखनऊ: आपको बिकरू कांड (Bikru Kaand) तो याद ही होगा. भले ही कानपुर वाला विकास दुबे मुठभेड़ में दो साल पहले मार दिया गया हो, लेकिन उसके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. राजधानी लखनऊ में विकास दुबे के भाई दीपक दुबे के आवास को जब्त किया जाएगा. पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी.
विकास दूबे की संपत्ति होगी जब्त
अभी हाल ही में कानपुर पुलिस ने विकास दुबे की कृष्णानगर इंद्रलोक कॉलोनी के मकान को जब्त किया था. अब उसी कॉलोनी में रहने वाले उसके भाई दीपक दुबे की संपत्ति को कानपुर पुलिस जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर चुकी है. इस मकान की कीमत तकरीबन 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस जांच में सामने आया है कि विकास दुबे की अपराध से कमाए गए पैसे से यह मकान बनाया गया है. पुलिस ने सत्यापन करने के बाद डीएम को अपनी रिपोर्ट भी भेज दी है.
विकास दुबे के भाई पर केस दर्ज
पुलिस अब तक विकास दुबे की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है. दीपक दुबे पर भी आशियाना, कृष्णानगर थाने में केस दर्ज हैं. उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा कर सरकारी नंबर की गाड़ी का प्रयोग करने के अलावा अवैध असलहा रखने का केस दर्ज है.
क्या है बिकरू कांड?
आपको बता दें कि चौबेपुर के गांव बिकरू में 2 जुलाई 2020 को विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था. जिसमें बिल्हौर के तत्कालीन सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. बाद में पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत उसके छह साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. जांच में चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा को विकास दुबे का मददगार पाया गया था. उनपर आरोप है कि पुलिस की दबिश की जानकारी विकास दुबे को पहले से दे दी थी. प्रकरण में दोषी पाये जाने पर दोनों पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई विशेष जांच दल की रिपोर्ट के बाद हुई.
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