Ramcharitmanas Row: प्रदेश की सियासत में रामचरित मानस की चौपाई को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है...इस विवाद को पैदा करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर एक ट्वीट किया है जिससे माहौल गरम हो गया है..
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Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान ने हंगामा मचाकर रख दिया है. आए दिन उनके बयान पर राजनीति हो रही है. बीजेपी और तमाम दक्षिणपंथी समूहों ने समाजवादी पार्टी की खूब आलोचना की है. शनिवार को भी सपा नेता के द्वारा किए गए एक और ट्वीट ने सियासी पारा चढ़ा दिया है.
सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा -कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ.अम्बेडकर ने कहा था कि 'मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ यह मेरे बस में नहीं था, लेकिन मैं हिंदू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।' फलस्वरूप सन 1956 में नागपुर दीक्षाभूमि पर 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया।
कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि 'मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ यह मेरे बस में नहीं था, किंतु मैं हिंदू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।' फलस्वरूप सन 1956 में नागपुर दीक्षाभूमि पर 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 4, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को भी ट्वीट किया था. सपा नेता स्वामी प्रसाद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इंडियंस आर डाग कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधीजी से किया था। वह दर्द गांधीजी ने ही समझा था। उसी तरह धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं एवं शुद्र समाज को की जाती है, उसका दर्द भी महिलाएं व शुद्र समाज ही समझता है।
इसी तरह उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि तत्कालीन उपप्रधानमंत्री, बाबू जगजीवन राम द्वारा उद्घाटित संपूर्णानंद मूर्ति का गंगा जल से धोना, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिक्तोपरांत मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोना व राष्ट्रपति कोविंद जी को सीकर ब्रह्मामंदिर में प्रवेश न देना शूद्र होने का अपमान नहीं तो क्या?
कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि 'मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ यह मेरे बस में नहीं था, किंतु मैं हिंदू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।' फलस्वरूप सन 1956 में नागपुर दीक्षाभूमि पर 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 4, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को भी ट्वीट किया था. सपा नेता स्वामी प्रसाद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इंडियंस आर डाग कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधीजी से किया था। वह दर्द गांधीजी ने ही समझा था। उसी तरह धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं एवं शुद्र समाज को की जाती है, उसका दर्द भी महिलाएं व शुद्र समाज ही समझता है।
"इंडियंस आर डाग" कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से किया था, वह दर्द गांधी जी ने ही समझा था। उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज को की जाती हैं उसका दर्द भी महिलायें और शुद्र समाज ही समझता है।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 2, 2023
बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अब उन्हीं की पार्टी की एक नेत्री ने मोर्चा खोल दिया है. सपा प्रवक्ता डॉक्टर रोली तिवारी मिश्रा ने अपनी ही पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
रामचरित मानस को लेकर विवाद हुआ गहरा
इसी बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में समर्थक लखनऊ में सड़क पर उतरे हैं.अखिल भारतीय बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर मिशन के बैनर तले तमाम संगठनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन किया है.
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