हफ्ते में 1 बार फ्लॉसिंग से कम होता है स्ट्रोक का खतरा, स्टडी में 22% तक रिस्क के कम होने का दावा
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हफ्ते में 1 बार फ्लॉसिंग से कम होता है स्ट्रोक का खतरा, स्टडी में 22% तक रिस्क के कम होने का दावा

Importance Of Flossing: फ्लॉसिंग सिर्फ दांतों की सफाई के लिए जरूरी नहीं है. इससे स्ट्रोक का रिस्क भी कम होता है.

हफ्ते में 1 बार फ्लॉसिंग से कम होता है स्ट्रोक का खतरा, स्टडी में 22% तक रिस्क के कम होने का दावा

दांतों की सफाई का हमारे सेहत से सीधा संबंध है, यही कारण है कि डॉक्टर हमेशा दिन में दो बार दांत ब्रश करने और नियमित रूप से डेंटल चेकअप की सलाह देते हैं. इतना ही नहीं ओरल क्लिनिंग से जुड़ी एक खास आदत‘फ्लॉसिंग’ स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकती है.

एक नई अध्ययन में यह पाया गया है कि अगर लोग सप्ताह में कम से कम एक बार फ्लॉसिंग करें, तो यह रक्त के थक्कों और अनियमित दिल की धड़कन से होने वाले स्ट्रोक के जोखिम को काफी हद तक घटा सकता है. 

क्या है स्टडी

इस अध्ययन का नेतृत्व यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर सौविक सेन ने किया. इस शोध में यह जानने की कोशिश की गई है कि लोग कितनी बार फ्लॉसिंग करते हैं और डेंटल हाइजीन की अन्य आदतों से स्ट्रोक से बचाव में क्या असर पड़ता है

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फ्लॉसिंग और स्ट्रोक के जोखिम का संबंध

इस अध्ययन में 6,000 लोगों से कुछ सवालों के जवाब मांगे गए, जिसमें यह पूछा गया था कि वे कितनी बार फ्लॉसिंग करते हैं और उनके दांतों की सफाई की अन्य आदतें कैसी हैं. अध्ययन के परिणामों से पता चला कि जो लोग नियमित रूप से फ्लॉसिंग करते थे, उनमें से 4,092 लोगों को स्ट्रोक नहीं हुआ था और 4,050 लोगों को अनियमित दिल की धड़कन का सामना नहीं करना पड़ा था. 

25 साल में स्ट्रोक के मामले

अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि 25 साल की अवधि में 434 लोगों को स्ट्रोक हुआ, जिनमें से 147 को 'बड़ी आर्टरी क्लॉट' से, 97 को 'दिल में थक्कों' से और 95 को 'छोटी धमनियों के सख्त होने' से स्ट्रोक हुआ था. इसके अलावा, 1,291 लोग असामान्य दिल की धड़कन से पीड़ित पाए गए.

फ्लॉसिंग के फायदे

इस अध्ययन के आंकड़ों के विश्लेषण से यह सामने आया कि फ्लॉसिंग करने से 'आइस्केमिक स्ट्रोक' (जो ब्रेन तक खून के रुकने से होता है) का जोखिम 22% तक कम हो जाता है. इसके अलावा, फ्लॉसिंग अनियमित हार्ट बीट के जोखिम को भी 12% तक घटा सकता है.

एक्सपर्ट की राय

डॉ. सौविक सेन के अनुसार, ओरल हेल्थ की आदतें सूजन और धमनियों के सख्त होने से जुड़ी हुई हैं. फ्लॉसिंग स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकती है, क्योंकि यह ओरल इंफेक्शन और सूजन को घटाने में मदद करती है, साथ ही यह अन्य डेंटल हेल्थ को बढ़ावा देती है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 

 

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