72 hoorain : मर्दों को 72 हूरें लेकिन जन्नत में औरतों को मिलते हैं कितने मर्द? पाकिस्तानी मौलवी का जवाब वायरल!
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72 hoorain : मर्दों को 72 हूरें लेकिन जन्नत में औरतों को मिलते हैं कितने मर्द? पाकिस्तानी मौलवी का जवाब वायरल!

72 hoorain : इस्लाम में मान्यता है कि अच्छे कर्म करने वाले मर्द को जन्नत में 72 हूरों का इनाम मिलता है, लेकिन औरतों को कितने मर्द मिलते हैं, इसका कम ही जिक्र होता है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तानी मौलवी ने इस सवाल का जवाब दिया है. 

72 hoorain

72 hoorain : दुनिया में कई धर्म प्रचलित हैं, और हर धर्म के अपने सिद्धांत और परंपराएं हैं. अगर भारत की बात करें तो इसे हिंदुओं का देश माना जाता है, लेकिन हाल के समय में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि ने ध्यान आकर्षित किया है. हर धर्म, चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम, सिख या ईसाई, अपने अलग-अलग नियमों और विचारधाराओं का पालन करता है.

मुफ्ती तारिक मसूद ने किया साफ

सोशल मीडिया पर अक्सर हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरु अपने अनुयायियों को सही मार्ग दिखाने का प्रयास करते हैं. इसी कड़ी में, पाकिस्तान के प्रसिद्ध धर्मगुरु मुफ्ती तारिक मसूद (Mufti Tariq Masood) का नाम सामने आता है. तारिक मसूद अपने प्रवचनों के जरिए इस्लाम के नियमों से जुड़े भ्रम को दूर करने की कोशिश करते हैं. हाल ही में, उनसे किसी ने जन्नत में मर्दों और औरतों के बीच भेदभाव को लेकर सवाल किया. आइए जानते हैं, उन्होंने इस सवाल का क्या उत्तर दिया.

क्या है इस्लाम की मान्यता?

इस्लाम में मान्यता है कि जो मर्द धरती पर अच्छे कर्म करता है, उसे जन्नत में अल्लाह की तरफ से इनाम मिलता है. इस इनाम में मर्द को 72 हूरें यानी परियां दी जाती हैं, जिनका वह मालिक होता है. लेकिन औरतें, चाहे वे हर नियम का पालन करें, उन्हें जन्नत में सिर्फ एक ही मर्द मिलता है. इस भेदभाव को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाए, और मौलवी मुफ़्ती तारिक मसूद से इसका जवाब मांगा.

औरत की इज्जत मर्द से - मौलवी

मुफ़्ती तारिक मसूद ने कहा कि औरत की इज्जत एक मर्द से होती है. अगर उसकी जिंदगी में एक से ज्यादा मर्द होंगे, तो यह उसके लिए शर्म की बात होगी. उनका दावा था कि जन्नत में अगर औरत को एक से ज्यादा मर्द मिलें, तो वह उसके लिए जहन्नुम जैसा बन जाएगा. इसलिए अल्लाह ने औरतों को सिर्फ एक ही मर्द दिया है. इस बयान के बाद मौलवी साहब को जमकर ट्रोल किया गया. इस्लाम के कुछ नियमों को मर्द और औरतों के बीच भेदभावपूर्ण बताया गया, और बहत्तर हूरों की अवधारणा पर पहले भी विवाद हो चुका है.

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