CEC News: सीईसी (CEC) के मुताबिक ये कंपनियां झूठ फैलाने और खुद को बचाने के लिए तथ्यों की जांच-परख का काम चुनाव निकायों पर छोड़ रही हैं, जो सही नहीं है.
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Fake news and ECI: सोशल मीडिया (Social Media) और फेक न्यूज़ का चोली दामन का साथ हो गया है. अमेरिका (USA) से लेकर यूरोपीय यूनियन (EU) और भारत तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को फेक कंटेट मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajiv Kumar) ने कहा है कि सोशल मीडिया (Social Media) मंच आसानी से पहचाने जा सकने वाले फर्जी सामग्री (Fake News/ Fake content) को ब्लॉक या कम से कम उन्हें लिस्टेड तक नहीं कर रहे हैं.
ये तरीका ठीक नहीं...
ईसी (EC) के मुताबिक ये कंपनियां झूठ फैलाने और खुद को बचाने के लिए तथ्यों की जांच-परख का काम चुनाव निकायों पर छोड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि यहां व्यापारिक हित काम कर रहे हैं. कुमार का कहना था, ‘यह पहले बीमारी फैलाने और फिर दवाएं बेचने जैसा है. इसका नुकसान निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया और लोकतंत्र की शुचिता को होता है.’
चुनाव प्रबंधन निकायों के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को ‘‘बहुत देर हो जाने’’ से पहले आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी, असत्यापित और ऐसे भ्रामक विमर्श का साया नहीं होना चाहिए, जो बुनियादी रूप से विघटनकारी हैं.’
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कुमार के मुताबिक, ये बात खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म के हित में है कि बाद हद से गुजरने से पहले यानी बहुत देर होने से पहले वो खुद फर्जी चीजों का पता लगाएं और उसे ब्लॉक करें. लोकतंत्र और इस तरह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करने वाली ताकतों की मदद नहीं होनी चाहिए. चुनाव प्रबंधन निकायों को इन चुनौतियों के प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए और उसे अपनाना चाहिए.'
कुमार ने कहा कि जैसे-जैसे नई-नई टेक्नालजी डेवलप होंगी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपनी अहम भूमिका निभाती जाएगी. सीईसी ने इस बात पर जोर दिया कि कि एआई की मदद से चुनाव निकायों को मतदाता सूची को परिष्कृत करने, अनियमितताओं का पता लगाने में मदद मिल सकती है. (भाषा)