What is HCC: आज देश में एक बड़ी बहस चल रही है, ये बहस है UCC यानी UNIFORM CIVIL CODE से जुड़ी. UCC कब आएगा? ये पता नहीं. लेकिन HCC जल्द आ सकता है. HCC का मतलब है Hindu Code Of Conduct यानी हिंदू आचार संहिता.
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Mahakumbh and HCC: पूरी दुनिया में सनातन का डंका बज रहा है. शायद ही ऐसा कोई देश हो जहां पर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन यानी महाकुंभ की चर्चा न हो. इस बीच उसी त्रिवेणी की पावन धरती प्रयागराज से एचसीसी (HCC) की चर्चा जोर पकड़ रही है. क्या है ये एचसीसी, आइए बताते हैं विस्तार से. दरअसल ये दावा किया जा रहा है कि प्रयागराज महाकुंभ में HINDU CODE OF CONDUCT की औपचारिक लॉन्चिंग होने वाली है. इस दौरान सनातन धर्म के अनुयायियों से परिचय कराया जाएगा. इस सनातनी कोड को काशी विद्वत परिषद ने तैयार किया है. जिसमें बताया गया है कि सनातन को मानने वाले लोग अपने जीवन और परंपराओं का निर्वहन कैसे करें. महाकुंभ में HINDU CODE OF CONDUCT पर चर्चा की जाएगी. चर्चा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद करने वाला है. इस चर्चा में सभी वरिष्ठ साधु-संत हिस्सा लेंगे.
क्या है ये HINDU CODE OF CONDUCT?
वर्तमान व्यवस्थाओं पर ये CODE क्या कहता है, क्यों दावा किया जा रहा है कि इस CODE से सनातनी परंपराओं का सही निर्वहन होगा. इन सवालों का जवाब देगी महाकुंभ क्षेत्र से DNA की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
शादी किस समय की जाए?
सनातनी वर्ण व्यवस्था क्या होती है?
सनातनी जीवन पद्धति क्या हैय़
घर वापसी कैसे की जाए ?
महाकुंभ में जिस हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट पर चर्चा की जा रही है. उसका मुख्य बिंदु है, हिंदू धर्म में घर वापसी. सबसे पहले बता दें कि हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट में घर वापसी पर क्या लिखा गया है?
काशी विद्वत परिषद के अनुसार, घर वापसी के नियम आसान बनाए जाएं. तर्क है कि शास्त्रों के अनुसार जो भी मानव पैदा हुआ है वो हिंदू है. इसी वजह से उस मानव को हिंदू धर्म को दोबारा स्वीकार करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए. पिछले कुछ वक्त में घर वापसी से जुड़े कई समाचार आपने देखे होंगे. हर खबर के साथ आपको पता चला होगा कि घर वापसी करने वाले शख्स को कई अनुष्ठानों से गुजरना पड़ा है. इसी प्रक्रिया को हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट आसान करना चाहता है.
घर वापसी के साथ ही साथ, HINDU CODE OF CONDUCT सनातन अनुयायियों के धार्मिक और सामाजिक जीवन पर नया प्रकाश डालेगा. इस CODE OF CONDUCT में सबसे ज्यादा जोर सनातनी परंपराओं पर दिया गया है.
ज़ी न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार, विवाह को लेकर हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं. हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट में कहा गया है कि रात को शादी नहीं की जाए. शादी का समय दिन का रहे. ताकि सूर्य का शुभ प्रभाव इस मंगलकारी आयोजन पर बना रहे. साथ ही ये भी कहा गया है कि विवाह में दहेज जैसी कुप्रथा पूरी तरह बंद होनी चाहिए. संतों का भी मानना है कि सूर्य के प्रभाव में किए जाने वाले आयोजन मंगलकारी होते हैं.
महिलाओं को लेकर निर्देश
महाकुंभ में लाए जा रहे हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट में महिलाओं को लेकर भी कुछ निर्देश दिए गए हैं. हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट कहता है कि महिला भ्रूण हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए क्योंकि ये एक पाप है. साथ ही महिलाओं को यज्ञ करने की भी अनुमति देता है. क्योंकि महिला और पुरुष को सनातनी व्यवस्था एक समान अधिकार देती है. काशी विद्वत परिषद ने जो हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट तैयार किया है, उसमें धार्मिक के साथ ही साथ सामाजिक पहलुओं पर भी जानकारी दी गई है.
'जातिगत भेदभाव न हो'
सनातन अनुयायियों के लिए इस कोड में वर्ण व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए गए हैं. HINDU CODE OF CONDUCT में कहा गया है कि समाज में किसी को अछूत नहीं माना जा सकता. वैदिक परंपराओं में अछूत जैसी कोई प्रथा कभी नहीं रही. ये प्रथाएं विदेशी आक्रांताओं की गुलामी की वजह से सनातनी सामाजिक व्यवस्था का हिस्सा बन गई थीं.
विश्व हिंदू परिषद ने जो योजना बनाई है उसके अनुसार, महाकुंभ में साधु-संतों से परामर्श के बाद इस कोड की 1 लाख प्रतियां छापी जाएंगी. जो महाकुंभ में आने वाले सनातन अनुयायियों को दी जाएंगी. ताकि हर सनातनी तक हिंदू कोड ऑफ कंडक्ट का प्रचार प्रसार हो सके.