Saif Stabbing Case: सैफ अली खान पर हमले का सच क्या है, ये गहराता जा रहा है. हमलावर के सीसीटीवी और गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं. शरीफुल के पिता ने भी कहा है उसके बेटे के फंसाया गया है.
Trending Photos
Saif Stabbing Case: सैफ पर हमला हुए 1 हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है, सैफ हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुके हैं. हमले का आरोपी गिरफ्तार हो चुका है. हमले के सीन का रिक्रिएशन हो चुका है, सैफ-करीना सहित कई लोगों के बयान रिकॉर्ड हो चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद अगर आप सैफ हमला केस का शब्दकोष खंगालेंगे तो आपको जो शब्द दिखेंगे वो हैं कंफ्यूजन, विरोधाभाष, झूठ, कहानी, आरोप.
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऑफिस-ऑफिस सीरियल की तरह हर बात में दो नई बातें निकलकर सामने आ रही है. एक बार कहा गया कि केवल तैमूर सैफ को लेकर हॉस्टिपल गए, अब डॉक्टर की रिपोर्ट कह रही है कि कुछ और लोग भी थे. दरअसल सैफ पर हमले का सच हर पल बदल रहा है.
सैफ के मामले में जैसे-जैसे पुलिस की जांच और पूछताछ बढ़ती जा रही है हर बार नई थ्योरी, नया सच सामने आ रहा है. दिलचस्प बात ये है कि पहली थ्योरी और पहला सच दूसरे से अलग हैं. आज आपको हम सैफ मामले में ऐसे ही पांच सच दिखाने जा रहा है तो दरअसल झूठ दिख रहा है.
जब उन्होंने मेड एलियामा फिलिप की चीख सुनी तब वो करीना के साथ 11वें फ्लोर पर थे, जबकि मेड एलियामा फिलिप ने पुलिस को पहले ही बताया था कि जब चोर घऱ में घुसा वो चीखी. उस समय सैफ और करीना 12वें फ्लोर पर थे. अब सवाल उठता है कि घटना के वक्त जब दोनों घर में ही थे तो अलग-अलग बयान क्यों.
जब हमलावर उसपर लगातार हमले कर रहा था तो वो उसको धक्का देकर भाग गया. वहीं इस मामले में मेड ने बयान दिया था कि हमलावार को हमने कमरे में बंद कर दिया था, और बाद में वो भाग गया. रिक्रिएशन के दौरान आरोपी ने बताया कि वो कमरे में बंद हो गया था, फिर बाथरूम से भाग गया, यानि सैफ का बयान अलग है.
रात करीब 2:30 बजे आरोपी ने सैफ पर हमला किया, लेकिन इस मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक सैफ को सुबह 4:11 बजे भर्ती कराया गया. जबकि सैफ के घर से लीलावती की दूरी 10 मिनट की है तो फिऱ सैफ एक घंटे 41 मिनट तक कहां थे, इस दौरान क्या-क्या हुआ. ये सच अभी भी सामने नहीं आया है.
लेकिन ये जो मेडिकल रिपोर्ट है इसकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, मतलब साफ है कि सैफ की मेड या सैफ कुछ छिपा रहे हैं. उसके मुताबिक सैफ जब हॉस्पिटल पहुंचे तो उस समय केवल उनका बेटा तैमूर उनके साथ था. कोई और नहीं. लेकिन मेडिकल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सैफ को एडमिट करवाने से लेकर सारे काम उनके मैनेजर अफसर जैदी ने किए. लीलावती अस्पताल के एडमिशन फॉर्म पर उनके ही साइन हैं. तो फिर ये सच अब तक क्यों नहीं सामने आया, पुलिस या किसी और ने अफसर जैदी का खुलासा क्यों नहीं किया.
बार-बार ये कहा जा रहा है कि फुटेज में जो शख्स दिख रहा है और जिसको पुलिस ने गिरफ्तार किया है वो दोनों अलग-अलग हैं. शरीफुल के पिता कह रहे हैं कि CCTV में दिख रहा व्यक्ति उसका बेटा नहीं है, हालांकि पुलिस का दावा है कि दोनों एक ही है. दरअसल सैफ मामले में अब तक इतनी थ्योरी, बयान सामने आ चुके हैं कि ऐसा लग रहा है कोई सच को छिपाना चाहता है या सच कहीं और छिपा है, जो कब सामने आएगा पता नहीं या हो सकता है आए भी नहीं.